एक्सप्रेस ट्रेन के पैंट्रीकार में मिला 14000000 रूपए, 15 घंटे तक नोटों से भरी बैग छिपाई रही पुलिस
1 min readKanpur… new delhi से जय नगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस के पैंट्रीकार में साेमवार को एक कराेड़ चालीस लाख रुपये भरा बैग मिलने के बाद मंगलवार शाम सात बजे तक किसी को खबर नहीं लगी। बैग बरामद करने वाले सिपाही, जीआरपी और आरपीएफ के इंस्पेक्टर तक ही सीमित रहा। ऐसी स्थिति को लेकर jrp और rpf की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। रेलवे और पुलिस के बड़े अफसर भी हैरान हैं कि नोटों के बरामदगी की पंद्रह घंटे तक क्यों छिपाए रखा गया।
तहकीकात में पता चला कि लावारिस बैग (सूटकेस) को पुलिस ने ही पैट्रीकार से उतारा। उसकी कोई जांच पड़ताल किसी से नहीं कराई गई। आमतौर पर लावारिस वस्तुएं मिलने पर बम डिस्पोजल दस्ता जैसी एजेंसी से जांच के बाद ही खोला जाता है। यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया।
इतना ही नहीं दोनों थानों ने अपने उच्चाधिकारियों को भी कोई सूचना नहीं दी। पूरा दिन गुजर गया और रात हो गई। देर रात जब पता चला तो हिन्दुस्तान ने तहकीकात शुरू की। पूछने पर जीआरपी और आरपीएफ इंस्पेक्टरों ने चुप्पी ओढ़ ली। तीन बार फोन करने के बावजूद आरपीएफ प्रभारी पीके ओझा और जीआरपी प्रभारी राममोहन ने कॉल रिसीव नहीं की। आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने रात 11 बजे सलाह दी कि डिप्टी सीटीएम (सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर) से बात कर लें। देर रात मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीटीएम) ज्ञान सिंह ने बताया कि डिप्टी सीटीएम को कोई सूचना नहीं दी गई है। इस बीच जीआरपी के डिप्टी एसपी कमरुलहसन ने ईमानदारी से स्वीकार किया कि पैसे मिले हैं और शाम को 7 बजे उन्हें सूचना दी गई है।
दो हजार, पांच सौ दो सौ और सौ के नए नोट
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पैंट्रीकार से बरामद किए गए लावारिस बैग से दो हजार, पांच सौ, दो सौ और सौ-सौ के नए नोटों की गड्डी मिली है। Thenewdunia.com की पड़ताल में पता चला कि दो हजार के 70 लाख, 500-500 के 55 लाख रुपए और बाकी दो सौ, सौ के नोट बैग में रखे गए थे। मामला जब खुल गया तो पुलिस ने अटैची खोली और नोट सील करवा दिए हैं।
चार घंटे से अधिक समय तक ट्रेन में पड़ा रहा बैग
जय नगर जा रही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस नई दिल्ली से चलने के बाद अलीगढ़ और उसके बाद कानपुर सेंट्रल पर रुकती है। अलीगढ़ तक पैंट्री कार में रुपए भरे बैग बरामद होने की सूचना नहीं थी। जब अलीगढ़ से ट्रेन कानपुर सेंट्रल के लिए रवाना हुई तो पैंट्री कार स्टाफ ने कोच अटेंडेंट को सूचना दी। कोच अटेंडेंट ने अगले स्टेशन को खबर कर दी। तब तक बैग ट्रेन में ही पड़ा रहा।
ट्रेन की सुरक्षा पर भी सवाल
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस अलीगढ़ रात करीब 10.30 बजे पहुंचती है। इससे यह साफ है कि लावारिस बैग मिलने की जानकारी रात साढ़े दस बजे के बाद ही हुई। करीब चार घंटे से अधिक समय तक बैग ट्रेन में ही पड़ा रहा। अगले किसी स्टेशन को सूचना नहीं दी गई। ट्रेन लावारिस बैग ढोते हुए कानपुर तक पहुंच गई। ऐसी स्थिति में सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।