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October 17, 2024

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उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के जंगल में अतिक्रमण कर रहे ओडिशा के 20 अतिक्रमणकारियों को जेल भेजा गया

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वन परिक्षेत्र इदागांव, के बफर जोन एरिया में ओडिसा राज्य के लोग घुसकर अवैध रूप से बडे बडे वृक्षों की अवैध कटाई कर अवैध अतिक्रमण कर खेत निर्माण किया जा रहा था जिसकी जानकारी लगते ही वन विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए ओडिसा के 20 अतिक्रमणकारियों को जेल भेजा गया है। ज्ञात हो कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन के मार्गदर्शन में यह कार्यवाही किया गया है।

वन विभाग द्वारा प्रेस विज्ञिप्ति जारी कर बताया गया है कि दिनांक 24.05.2024 को परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर देव नारायण सोनी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी पीपलखूंटा डोमार कश्यप, परिसररक्षी काण्डसर, बनवापारा के द्वारा संयुक्त टीम बनाकर गश्त पर थे। तभी पीपलखूंटा सर्कल के अन्तर्गत परिसर पीपलखूंटा ’ब’ के कक्ष क्रमांक 1204 में उड़ीसा प्रांत के जिला-नवरंगपुर निवासी 20 व्यक्तियों के द्वारा अवैध रुप से वृक्षों की कटाई कर अतिक्रमण किया जाना पाया गया। पतासाजी करने पर यह पता चला कि आरोपियों द्वारा खेती करने के प्रयोजन से वृक्षों की कटाई की जा रही थी।

7 आरोपियों के द्वारा पूर्व में भी वर्ष 2019 में कक्ष क्रमांक 1204,1206 में वृहद् पैमाने पर अवैध कटाई कर अतिक्रमण करने के कारण पी.ओ.आर क्रं. 14271/06, 14271/08, 14271/10 एवं 14271/11 दिनांक 20.09.2019 जारी कर जेल दाखिला करवाया गया था जिसका प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, उक्त सूचना उप निदेशक उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व एवं सहायक संचालक (उदंती) मैनपुर गोपाल कश्यप को दिया गया जिनके मार्गदर्शन में परिक्षेत्र इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर, दक्षिण उदंती (व.प्रा.) मैनपुर एवं उड़ीसा वन विभाग (नवरंगपुर वनमंडल) के अधिकारी/कर्मचारियों की टीम गठित कर ओडिशा राज्य से 20 आरोपियों को पुछताछ हेतु परिक्षेत्र कार्यालय इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर लाया गया एवं दोष-स्वीकरण मय साक्ष्य होने के उपरांत समस्त आरोपियों के विरुद्ध पी.ओ.आर. प्रकरण क्रमांक 176/22,176/23 एवं 176/24 दिनांक 26.05.2024 जारी कर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) क, च, ङ, ज एवं वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 27,29,31 एवं 51 तथा लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3(1) । के तहत मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत कर रिमांड पर जेल दाखिला करवाया गया, उक्त कार्यवाही में वन परिक्षेत्र दक्षिण उदंती एवं इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर के अधिकारी/कर्मचारी एवं सुरक्षा श्रमिकों का विशेष योगदान रहा।