मैनपुर वनांचल क्षेत्र के किसान आधुनिक तकनीकी अपना कर सब्जी की खेती से छह माह में 20 लाख रूपये कमा रहा
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- किसानों के लिए प्रेरणा 65 वर्षीय बुजुर्ग किसान खाम सिंग मरकाम पांच एकड़ में सब्जी भाजी की खेती कर बोलेरो, ट्रेक्टर, पिकअप वाहन खरीदकर मिसाल कायम किया
- किसान खाम सिंह मरकाम ने बताया – खेती किसानी में युवाओं को आगे आने की जरूरत
गरियाबंद । तहसील मुख्यालय मैनपुर से 25 किमी दूर राजापड़ाव गौरगांव संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है लेकिन यहां कोरोनाकाल के समय लाॅकडाउन में बुजुर्ग किसान खामसिंग मरकाम और उनके परिवार ने महज 05 एकड़ खेत में सब्जी की खेती प्रारंभ किया और अभी 4-5 वर्ष के भीतर आधुनिक तकनीकी को अपना कर लाखो का मुनाफा कमाया साथ ही बोलेरो, ट्रेक्टर, पिकअप जैसे वाहन भी खरीदा जो किसान के मेहनत का एक मिसाल है। किसान खामसिंग मरकाम ने बताया आज के युवा खेती किसानी से दूर होते जा रहे हैं जबकि खेती किसानी हमार मूल आधार है और युवाओं को इस दिशा में आगे आना चाहिए।

निश्चित रूप से खेती किसानी से जीवन में खुशहाली आ सकती है इसके लिए लगन और कड़ी मेहनत की जरूरत है। किसान खामसिंग मरकाम ने लाॅकडाउन के समय ग्राम ढोलसरई में अपने 05 एकड़ के टिकरा भूमि पर सबसे पहले बोर खनन करवाया और इसके बाद उन्होने इसमें सब्जी भाजी की खेती प्रारंभ किया एक साल उन्हे खुब मेहनत करना पड़ा इसके बाद महिन्द्रा ड्रीप एरिकेशन के डीलर उधोराम चंद्राकर ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने उन्हे आधुनिक खेती के बारे में बताया। किसान अपने खेत में करेला, गोभी, खीरा, बरबट्टी, टमाटर की फसल लेना प्रारंभ किया। इतना उत्पादन हुआ कि उसे स्थानीय मंडी में बेचने के बाद भी उत्पादन अधिक होने के कारण रायपुर और धमतरी, राजिम में ले जाना पड़ रहा है। इन दिनों टमाटर का भाव आसमान में चढ़ा हुआ है और इस किसान के खेत में जबरदस्त टमाटर की फसल हुई है जिसे वे रायपुर ले जाकर 50 से 60 रूपये किलो में मुंहमांगे दाम पर बिक रहा है। किसान ने बताया सिर्फ टमाटर की खेती से उन्हे 15 लाख रूपये का उत्पादन होता है और यह खेती छः माह का है। किसान के खेत में एक ट्यूबवेल है साथ ही ड्रीप सिंचाई के तहत कम पानी में बेहतर उत्पादन के संबंध में उन्होने बताया।
20 से 25 मजदूरों को रोजगार भी मिल रहा है – किसान खामसिंग मरकाम ने बताया उनके दो पुत्र है एक किसान है और एक शिक्षक है। आज उनके खेत में प्रतिदिन 20 से 25 मजदूरो को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। वह राजिम, रायपुर एवं ओड़िशा के साथ रायपुर चैड़ाबाघ से बीज लाकर खेती किसानी करते है उनके इस कार्य में हीरा नेताम पूरी तरह सहयोग करता है।
- मैनपुर व ओड़िशा तक के लोग पहुंचते हैं सब्जी खरीदने
किसान ने बताया पिछले 4-5 वर्षो से उन्होंने जब यह खेती प्रारंभ किया तो उसे देखने दूर -दूर से लोग आये आज कई लोग इस तरह के सब्जी की खेती कर रहे हैं और उन्हे भी बेहद अच्छा मुनाफा मिल रहा है। साथ ही मैनपुर और ओड़िशा तक के लोग ताजा सब्जी लेने के लिए उनके खेत तक पहुंचते है साथ ही क्षेत्र भर के सब्जी व्यवसायी उनके साथ संपर्क करते हुए सब्जी खरीदकर ले जाते हैं।
17 एकड़ जमीन है पर 05 एकड़ में लेते हैं सब्जी की खेती – किसान खामसिंग मरकाम ने बताया उनके पास 17 एकड़ जमीन है लेकिन 12 एकड़ में उनके द्वारा मक्का और धान की फसल लिया जाता है। मात्र 05 एकड़ में सब्जी की खेती कर रहे हैं। इस सब्जी की खेती से इतन मुनाफा हुआ कि चार वर्ष के भीतर उन्होंने ट्रेक्टर, पिकअप और बोलेरो वाहन खरीदा साथ ही उन्हे सब्जी बेचने मंडी तक ले जाने में परेशानी नहीं होती।
- कृषि विभाग को चाहिए कि ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करे
मैनपुर क्षेत्र में खामसिंग मरकाम की तरह कई किसान सब्जी भाजी व दलहन तिलहन की फसल ले रहे हैं लेकिन उन्हे कृषि विभाग द्वारा सहयोग और सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण किसानों को जो लाभ मिलना चाहिए। वह नहीं मिल पाता जबकि कृषि विभाग के अफसरों को चाहिए कि ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खेती किसानी के कार्य में जुट सके।
