दर्रीपारा खरता में हाथियों के दल ने मचाया रात को जमकर उत्पात, फसलों को रौंदकर वापस धमतरी की ओर लौटे
- वन परिक्षेत्र नवागढ़ लगातार सीमा क्षेत्रों के गांव में मुनादी करवाकर लोगों को कर रहे हैं हाथियों के दल से दुर रहने की अपील
- रामकृष्ण ध्रुव गरियाबंद, धमतरी
तहसील मुख्यालय मैनपुर से 35 किलोमीटर दुर गरियाबंद वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र नवागढ के खरता ग्राम में सोमवार रात को हाथियों के दल ने किसानों के खेतो में लगभग 08 घंटे तक जमकर उत्पात मचाने के बाद आज मंगलवार सुबह 06 बजे के आसपास पुनःधमतरी जिला के जंगल क्षेत्र में लौट गये। वही दुसरी ओर वन परिक्षेत्र नवागढ के रेंजर तुलाराम सिन्हा के नेतृत्व में वन विभाग के स्थानीय कर्मचारी व हाथी मित्रदल के सदस्य धमतरी सीमा से लगे दर्रीपारा, खरता, के आसपास के ग्रामो में पहुचकर ग्रामीणाें से अपील कर रहे हैं कि हाथियों का दल पिछले तीन दिनों से धमतरी और गरियाबंद जिला के सीमा पर डेरा डाले हुए है, जो कभी भी अचानक गांव के तरफ आ सकते है। इसलिए ग्रामीणों से अकेले जंगल के तरफ नहीं जाने की अपील किया जा रहा है।
ग्राम दर्रीपारा खरता के पुखराज ध्रुव, महेश विश्वकर्मा, मेघनाथ ध्रुव विष्णु मरकाम के खेत में हाथियों के दल ने सोमवार रात लगभग 10 बजे के आसपास पहुंचकर जमकर फसलों को नुकसान पहुंचाया। टूयबवेल के पाईप को तोड़फोड़ किया। खेतों में बने झोपडियों और लारियों को तोड़फोड़ किया। ज्ञात हो कि लगभग एक सप्ताह पूर्व हाथियों का दल मैनपुर क्षेत्र में आंतक मचाने के बाद गोबरा जंगल होते हुए धमतरी जिला के जंगल मे पहुंच गया था लेकिन बीते रात अचानक हाथियों का दल जिसमें 15 से 18 हाथियों की संख्या बताई जा रही है। वह अचानक ग्राम खरता दर्रीपारा के ग्रामो में पहुचकर धान के फसलों को और बाडि़यों में लगाये गये अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
ग्राम के सरपंच बिसनाथ मरकाम, विलाश मरकाम, नरेन्द्र ध्रुव, सुखचन्द्र ध्रुव, पंचू नेताम, जुगलाल नेताम सोमनाथ ध्रुव, घनश्यान नेताम, बरातु ध्रुव बिसाहू यादव ने बताया कि हाथियों का दल पिछले तीन चार दिनों से गरियाबंद और धमतरी जिला के सीमा पर पहाडी के नीचे डेरा डाले हूए हैं। ये हाथियों का दल अचानक कभी भी रात को गरियाबंद जिला के गांव में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाते है तो कभी धमतरी जिला के गांव में लगातार धमतरी और गरियाबंद के सीमा में बसे ग्रामो के लोगों हाथियों के आंतक से काफी परेशान है और दहशत में है। ग्रामीणों द्वारा लगातार वन प्रशासन से मांग किया जा रहा है कि हाथियों के आंतक से उन्हे मुक्ति दिलाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाए लेकिन अब तक वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।