तीनों कृषि कानून पर एक नजरिया… पद का दुरुपयोग किया जो कि राष्ट्रद्रोह है
1 min read- इस विषय पर पत्रकार शिखादास से राधेश्याम शर्मा से वार्ता
तीनों कृषि कानून असंवैधानिक तौर पर पारित किया गया था। भाजपा का बहुमत राज्यसभा में नहीं था इसलिए वहां मतदान नहीं कराया गया। चूंकि राष्ट्रपति भाजपा का पिटठू था इसलिए उस पर मोहर लगा दिया। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया जो कि राष्ट्रद्रोह है।
किसानों को इसके लिए आन्दोलन करनें पे मजबूर होना पड़ा। जिसमें सात सौ से अधिक किसान साथी शहीद हुए और सत्ता को संरक्षित करने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का सज्ञान न लेकर मौन रहना उनकी गुलामी को दर्शाता है।
यह र्दुभाग्य जनक घटना देश का काला अध्याय है।
आजादी के पश्चात देश का सबसे बड़ा जनआन्दोलन किसानों का है जिसे जीत कर एक इतिहास देश के किसानों ने लिखा है।
इंक्लाब जिन्दाबाद
किसान एकता जिन्दाबाद
वन्देमातरम्!
राधेश्याम शर्मा
संयोजक-भारतीय जनजागरण मंच
रायगढ़(छत्तीसगढ़)
मो.नं.7869652302