Recent Posts

December 26, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

धान खरीदी हेतु प्रशासनिक तैयार शुरू, किसानों का पंजीयन 17 अगस्त से 30 अक्टूबर तक

1 min read

गोलू कैवर्त बलौदाबाजार

जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान खरीदी हेतु प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गयी हैं, जिसके तहत प्रथम चरण में किसानों का पंजीयन की कार्यवाही की जायेगी। इस संबध में आज कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिला पंचायत सभागार में दो पालियों में ज़िले के राजस्व, खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

इस दौरान कलेक्टर ने बताया किसानों का पंजीयन 17 अगस्त से 31अक्टूबर 2020 तक चलेंगी। वे किसान जो पिछले खरीफ वर्ष 2019-20 में धान खरीदी हेतु पंजीयन कराये थे। उन्हें वापस समिति में आकर पंजीयन कराने की आवश्यकता नही होगी वह साफ्टवेयर के माध्यम से कैरी फॉरवर्ड हो जायेगा। यदि रकबे में किसी भी तरह बदलाव हुआ है तो वह किसान अपना आवेदन समिति के माध्यम से जमा कर सकतें हैं। जो इस वर्ष ऑनलाइन फार्म के माध्यम से जमा होगा एवं इसकी अनुमति तहसीलदार के माध्यम से प्राप्त होगा। उसी तरह यदि कोई किसान 2019-20 में पंजीयन नही करवाया था किंतु इस वर्ष धान विक्रय करने हेतु इच्छुक हैं। ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील माड्यूल के माध्यम से तहसीलदार के द्वारा किया जायेगा।

कलेक्टर ने जिले के सभी किसानों से कहा हैं कि असुविधा से बचने के लिये नवीन एवं रकबे में संशोधन कराने वाले किसान 25 अक्टूबर तक पंजीयन कराने का आग्रह किये हैं। ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि को समय रहते सुधार किया जा सकें। इसके लिये प्रत्येक गाँव गाँव मे मुनादी करनें के निर्देश सम्बंधित अधिकारी को दिये हैं। कलेक्टर ने आगें बताया की की इस वर्ष ज़िले में उघानिकी तथा धान से पृथक अन्य फसलों के रकबो को किसी कभी पारिस्थिति में धान के रकबे के रूप में पंजीयन नहीं होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में गन्ना, सोयाबीन, मक्का सब्जियां फल फूल आदि अन्य खरीफ सीजन के दौरान उगायी जाती हैं। 

यह सुनिश्चित किया जाये कि अन्य फसलों के रकबे का धान विक्रय हेतु पंजीयन न हो। उसी तरह अतिरिक्त खसरे में अंकित रकबे से अनुपयोगी बंजर भूमि, पड़ती भूमि, निकटवर्ती नदी, नालों की भूमि, निजी तालाब,डबरी की भूमि, कृषि उपयोग हेतु बनाये गये पक्के कच्चे शेड आदि की भूमि को पंजीयन से कम किया जाए। इस लिये आप सभी गिरदावरी का कार्य भी त्रुटि पूर्वक करें। साथ ही उन्होंने विविध व्यक्तियों,ट्रस्ट, मंडल, प्रा लिमिटेड कंपनी, शाला विकास समिति केंद्र एवं राज्य शासन के संस्थानों, महाविद्यालय आदि संस्थाओं द्वारा संस्था की भूमि को धान बोने के प्रयोजन हेतु यदि कोई अन्य किसान को लीज अथवा अन्य माध्यमों से प्रदान की जाती हैं तो संस्था की कुल धारित भूमि के अधीन वास्तविक खेती करने वाले किसान को संस्था के साथ एग्रीमेंट कर के ही वास्तविक किसान के नाम से पंजीयन कर धान विक्रय का अधिकार होगा। साथ ही ऐसे संस्थान का आवेदन का पंजीयन सिर्फ और सिर्फ तहसीलदार के माध्यम से ही होगा। समितियों के माध्यम से कोई पंजीयन ऐसे संस्थाओं का होगा। इस बैठक के दौरान अपर कलेक्टर राजेंद्र गुप्ता,जिला पंचायत सीईओ डॉ फ़रिहा आलम सिद्की, जिला पंजीयक अधिकारी डी आर ठाकुर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी चित्रकांत धुव्र,डीएमओ बघेल समेत जिले के सभी एसडीएम,तहसीलदार,नायाब तहसीलदार,सहकारी समितियों के प्रबंधक एवं डाटा एंट्री आपरेटर भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *