केसिंगा जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा अध्यक्ष अनिल ने किया अठाई तप का अभिनंदन समारोह
1 min readटिटिलागढ़। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, केसिंगा अध्यक्ष अनिल कुमार जैन द्वारा किये गये अठाई तप का अभिनंदन समारोह टिटिलागढ़ स्थित तेरापंथ भवन में आचार्यश्री महाश्रमण की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री प्रबलयशाजी ठाणा-तीन के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में अनुयायी एवं श्रध्दालु उपस्थित हुये। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मण्डल की गीतिका से हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुये ओड़िशा प्रान्त सभाध्यक्ष छत्रपाल जैन ने अनिल जैन के तप की सराहना करते हुये कहा कि केसिंगा सभाध्यक्ष के तौर पर भी उन्होंने धर्मसंघ के लिये उल्लेखनीय कार्य सम्पादित किये हैं, जिनमें इसी वर्ष केसिंगा में आयोजित संस्कार निर्माण एवं राज्य स्तरीय छात्र-प्रोत्साहन शिविर मुख्य हैं। अपने संबोधन में पूर्व केसिंगा सभाध्यक्ष रामनिवास जैन कहा-तप से देह और आत्मा दोनों की शुध्दि होती है और इससे शरीर के भीतर स्थित कषायों का भी अन्तर्दहन होता है। इस मौके पर अपने उद्बोधन में पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ने फरमाया कि बच्चों में संस्कार परिवार से ही पनपते हैं और इस मौके पर हम दिवंगत नोपराम एवं नरेन्द्र जैन का पुण्य-स्मरण करना नहीं भूलते, जिनकी बदौलत वतर्मान चतुर्मासकाल में अनिल जैन सहित उनके परिवार के दस सदस्यों द्वारा अठाई तप किया गया है। कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा टिटिलागढ़ सभाध्यक्ष अमरसिंह जैन, केसिंगा तेयुप अध्यक्ष शुभंकर जैन, टिटिलागढ़ तेयुप अध्यक्ष गौतम जैन, प्रतीक्षा जैन, टिटिलागढ़ सभा सलाहकार प्रेमचंद जैन तथा वरिष्ठ पत्रकार सुशान्त महापात्र द्वारा भी तप की महत्ता पर अपने विचार रखे गये। तप-अभिनंदन समारोह में साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने फरमाया कि सामान्यत: तप श्रावण-भादो काल में किया जाता है, परन्तु अनिल जैन ने आश्विन के अपेक्षतया गर्म मौसम में अठाई कर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं मनोबल का परिचय दिया है। कार्यक्रम का समापन साध्वी द्वय सौरभयशाजी एवं सुयशप्रभाजी की सुमधुर गीतिका के साथ हुआ।