यूपी में योगी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक के लेटर पर घमासान, विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा
1 min readलखनउ, वाराणसी ।कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के बाद स्थितियां ठीक नहीं है। इसका जीता जागता उदारहण है कि कानून मंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य महकमे को लिखे पत्र को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। सियासी गलियारों में इस पत्र पर घमासान मचा रहा। विपक्ष ने राज्य सरकार को इस पत्र के बहाने आड़े हाथों लिया है। देखा जाए तो इस मामले को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मंत्री के पत्र के बहाने राज्य सरकार पर खराब व्यवस्थाओं का आरोप लगाया। इस समय में कोरोना को लेकर घमासान मचा हुआ है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि खुद सरकार के एक मंत्री ने चिट्ठी लिख कर कोरोना में बदइंतजामी के हालात बयान किए है। मुख्यमंत्री को क्या सबूत चाहिए ? कोरोना पर नियंत्रण का झूठा ढिंढ़ोरा पीटने वाली भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों किया? टीका, टेस्ट, डाक्टर, बेड, एम्बुलेंस सबकी कमी है और टेस्ट रिपोर्ट समय से न मिलने से गम्भीर रूप से बीमार इलाज के लिए सड़कों पर तड़प रहे हैं। गोरखपुर, राजधानी लखनऊ और वाराणसी में हालात विचलित करने वाले हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खुद सरकार के कानून मंत्री ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित न कर पाने पर जो पत्र लिखा है उसने सरकार की कलई खोल दी है। सरकार की विफलता पर खुद उनके मंत्री शिकायत कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की उदासीनता व संवेदनहीनता उजागर हो गई है। लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक व चिन्ताजनक हैं। जो सरकार राजधानी नहीं संभाल पा रही वह प्रदेश क्या संभालेगी। टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है।
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने मंत्री के पत्र को ट्वीट करते हुए कहा है कि लखनऊ के डीएम ने कहा कि सड़कों पर लोग मर रहे हैं तो उसके खिलाफ जांच बैठ गई, अब मंत्री ने कहा कि लखनऊ की हालत चिंताजनक। मुख्यमंत्री जी, डीएम और मंत्री की सच्चाई स्वीकार कीजिए, उनको सच बोलने की सजा मत दीजिए। मंगलवार सुबह बृजेश पाठक का लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाओं पर अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में चिंता जताते हुए कहा है कि अगर हालात में जल्दी सुधार नहीं हुआ तो कोविड 19 की रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर उत्तर नहीं मिलता। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री और अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से शिकायत करने के बाद फोन भले उठ जाए लेकिन सकारात्मक काम नहीं होता।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह कहा – कानून एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक के पत्र पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुझे ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। वैसे वे लखनऊ के विधायक हैं तो निश्चित रूप से उनके पास लोग मदद के लिए आते ही होंगे। जहां तक एम्बुलेन्स देरी से पहुंचने की बात है तो अभी सारे एम्बुलेन्स लगातार मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान में लगे हैं। कोई एक किनारे पीजीआई भेजा जाता है तो कोई दूसरे छोर के किसी अस्पताल में, मरीज भी अलग-अलग क्षेत्र के होते हैं लखनऊ में ट्रैफिक का भारी दबाव है। ऐसे में कुछ विलम्ब होना लाजिमी है। वैसे भी पूरे सिस्टम में कहीं न कही तो कमी हो ही सकती है और हम उसे इम्प्रूव करने में लगे है। किसी को कोई परेशानी न हो इसके लिए ही तो हम दिन-रात एक कर काम कर रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टण्डन भी संक्रमित
इधर कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। चहुओर हाहाकार मचा हुआ है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टण्डन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्होंने अपने आप को घर में आइसोलेट कर लिया है। वहीं, कोरोना सीएम योगी के दफ्तर तक पहुंच गया है। सीएमओ के कई अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। अब मुंबई, दिल्ली और छत्तीसगढ के बाद उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामले लगातार बढ रहे हैं। वहां स्थिति ठीक नहीं है।