क्वॉरेंटाइन सेंटर के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है सरकार – देवजी पटेल
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क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सरकार नहीं कर रही है समुचित व्यवस्था
रायपुर । पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवजी भाई पटेल ने राज्य सरकार पर कोरोना संकट में भारी भ्रष्टाचार किए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं । उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर के नाम पर अनाप-शनाप खर्च प्रतिदिन प्रति व्यक्ति सिर्फ कागजों पर किया जा रहा है । उन्होंने आरोप लगाया कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में प्रतिदिन भोजन के नाम पर कहीं 350 रुपए प्रति व्यक्ति खर्च दिखाया जा रहा है ,तो कहीं 500 इतनी खर्च पर के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जाने की क्या जरूरत थी ।
राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर के सभी लाज होटल में इतने खर्च पर व्यक्तियों को ठहराया जा सकता था । खाने के अलावा क्वारेंटाईन सेंटर की व्यवस्था बिस्तर, पानी ,लाइट आदि के नाम पर बेहिसाब खर्च किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की इस कथन के आधार को सरकार कर रही है कि केंद्र से चलने वाले एक रुपए में से 15 पैसे खर्च होते हैं आज प्रदेश सरकार 85 पैसे डकारने का काम कर , उनके कथन को सार्थक बना रही है।
श्री पटेल ने राज्य सरकार की इस रवैया को बड़ा ही हास्यास्पद बताते हुए कहा कि प्रदेश में 16हजार सात सौ से अधिक कवारांटाईन सेंटर मजदूरों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि गांव में रोजगार की गंगा बहाने के बयान देने वाली राज्य सरकार आज खुद मान रही है कि गांव से 11 लाख से अधिक लोग पलायन कर बाहर थे । प्रदेश सरकार राज्य के मजदूरों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बल्कि रस्म अदायगी कर रही है किसी भी पंचायत भवन में ना तो बिस्तर है ना ही स्वास्थ्य जांच के उपकरण ना शौचालयों की उचित व्यवस्था है यह तो एक तरह के मजदूरों के साथ आमानवीय व्यवहार है।
श्री पटेल ने राज्य सरकार पर मजदूरों के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाने की आरोप लगाते हुए कहा कि, राज्य सरकार कितनी पंगु है । यह इसी बात से पता चलता है कि मजदूरों को दूसरे राज्यों को पहुंचाने अथवा लाने के लिए बसों की व्यवस्था भी नहीं कर पा रही है कांग्रेस पार्टी मजदूरों को अन्य राज्य को भेजने की सिर्फ नौटंकी भर कर रही है । जो पैसा केंद्र सरकार मजदूरों की नाम से दे रही है उसमें जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है कांग्रेस पार्टी आपदा में भी अपने लिए भ्रष्टाचार का अवसर तलाश रही है इससे ज्यादा दुर्भाग्य जनक और क्या हो सकता है ।