बेसहारों का सहारा बनी भूपेश सरकार, दुर्ग जिले के 867 बच्चों के पढ़ाने का उठाया जिम्मा : देवेंद्र यादव
1 min read- कोराेना काल में जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया, उन्हें सरकार पढ़ाएगी
- दुर्ग जिले का जो भी ऐसा बच्चा होगा जो आवेदन नहीं किया है वे अभी भी आवेदन कर सकते हैं
भिलाई। कोरोना काल में जो बच्चे बेसहारा हो गए हैं। जिनके माता-पिता की जान चली गई है। ऐसे बच्चों के लिए महतारी दुलार योजना संजीवनी साबित हो रही है। ऐसे बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है। प्रदेश सरकार इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगी। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी ने महतारी दुलार योजना शुरू कर बेसहार हो चुके बच्चों के लिए बहुत ही सराहनीय पहल की है। ऐसे बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएंगी। कोरोना महामारी ने कई घरों को उजाड़ दिया।
कई बच्चों से उनके माता पिता को छिन लिया। ऐसे में इन बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए हमारे प्रदेश सरकार ने माननीय भूपेश बघेल के नेतृत्व में एक बड़ी और सराहनीय पहल की है। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि हमारे दुर्ग में ऐसे कई बच्चे है। इन बच्चों की शिक्षा दिक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है। इसके लिए अबतक 867 बच्चों ने आवेदन किया है। सभी आवेदन करने वाले बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रहेंगी। वे बच्चे जहां पहले जिस स्कूल में पढ़ रहे थे। वे बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते रहेंगे।
स्कूल का फीस हमारी प्रदेश सरकार वहन करेगी। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जो भी बच्चे है। सभी को सरकार की इस योजना का लाभ मिले। इसके लिए हम प्रयास रत हैं।
अभी भी कर सकते हैं आवेदन
भिलाईनगर विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि इस विषय पर उनकी शिक्षा अधिकारी दुर्ग प्रवास सिंह बघेल से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि अबतक जितने बच्चे आवेदनक किए है। उनका आवेदन एक्सेप्ट कर लिया गया है। इसके अलावा अभी यदि कोई बच्चा छूट गया होगा। तो वे अभी भी आवेदन कर सकते हैं। हमारा प्रयास है कि कोरोना की वजह से जिस भी बच्चे के पिता या माता का निधन हुआ है। उन्हें प्रदेश सरकार की इस महतारी दुलार योजना का लाभ मिले।
छात्र वृत्ति भी देगी सरकार
विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि पीड़िता बच्चों को हमारी प्रदेश सरकार शासकीय तथा निजी शालाओं में नि:शुल्क शिक्षा देगी। इसके अलावा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश की प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। इसके अलावा स्कूल शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहन, व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्रशिक्षण कोचिंग की सुविधा भी देगी।
काेरोना महामारी ने कई मासूमों के सिर से उनके माता-पिता का छाया छिन लिया है। यह बहुत ही दुखद घड़ी है। कोरोना महामारा के रोकथाम के लिए हमने कई प्रयास किए। लेकिन इन सब के बाद भी इस महामारी ने जिन मासूमों को बेसहारा कर दिया है। उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उनके लिए हम और हमारी सरकार हमेशा उनके साथ है। हमरा प्रयास है कि हम इन बच्चों के माता-पिता की तरह उनकी भविष्य और शिक्षा दिक्षा की पूरी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा सकें और आगे भी निभाएंगे।