गरियाबंद जिले से बड़ी खबर… शिक्षक की मांग करते थके ग्रामीणों ने चार शासकीय प्राथमिक शालाओं में जड़ा ताला
- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- ग्राम पंचायत ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार में शिक्षक की मांग को लेकर नारेबाजी
मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया दुरस्थ पहाडी के उपर बसे विकासखण्ड गरियाबंद के अंतिम छोर का ग्राम पंचायत ओंढ अंतर्गत चार शासकीय प्राथमिक शालाओं ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार में शिक्षक की मांग को लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिंह सोरी, उपसरपंच विष्णु यादव के नेतृत्व में लगातार ग्रामीणों द्वारा पिछले कई माह से जिला मुख्यालय गरियाबंद पहुचकर संबधित विभाग के आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर इन चारो प्राथमिक शालाओं में शिक्षक की मांग करते करते थक गये हैं, लेकिन अब तक इन चारों प्राथमिक शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था नहीं किया गया।
एक एक शिक्षक के भरोसे चारों प्राथमिक शाला संचालित हो रहा है, जिसके कारण शिक्षक को यदि जरूरी कार्य के या डाक व शासकीय कार्य के लिए मुख्यलाय जाना पड़ता है तो आठ आठ दिनों तक स्कूलो में ताला लग जाता है एक शिक्षकीय विद्यालय होने के कारण पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। शिक्षा विभाग के अफसरों से लगातार शिक्षक की मांग करते करते ग्रामीण थक चुके है दर्जनों बार आवेदन दिये, हर बार सिर्फ ग्रामीणों को आश्वासन ही मिला, जिससे परेशान होकर शनिवार 25 सितम्बर को ग्रामीणों ने बैठक आयोजित किया गया जिसमें सर्व सम्मति से ग्रामीणो ने निर्णय लिया कि जब तक शासकीय प्राथमिक शाला ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार में शिक्षक की व्यवस्था नहीं किया जाता तब तक इन स्कूलो में ग्रामीणों के द्वारा ताला लगा दिया जायेगा।
और ग्रामीणो ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लेकर शनिवार को इन चारो शासकीय प्राथमिक शालाओं में ताला लगा दिया है, और इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद को भी भेजा गया है। इस सबंध में ग्राम पंचायत ओंढ के सरपंच रामसिंह सोरी , उपसरपंच विष्णु यादव ने बताया कि इस आदिवासी दुरस्थ वनांचल क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। प्राथमिक शाला ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार में मात्र एक एक शिक्षक होने के कारण पढाई पुरी तरह बर्बाद हो रही है। आदिवासी क्षेत्र के बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। एक तरफ छत्तीसगढ के भुपेश बघेल सरकार विशेष पिछडी जनजाति ग्रामों के विकास के लिए विशेष योजना बनाकर ग्रामीणों को उंचा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। दुसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण विशेष पिछडी कमार जनजाति आदिवासी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
गरियाबंद के शिक्षा विभाग के अधिकारी कभी इन स्कूलो का दौरा ही नही करते और ग्रामीण लगातार शिक्षक की मांग करते आ रहे है, ग्रामीणों के मांगो पर ध्यान नही दिया जा रहा है जब तक इन स्कूलो में शिक्षको की व्यवस्था नही की जाती तब तक इन स्कूलो में सभी ग्रामीणाें द्वारा तालाबंदी करने का निर्णय लिया गया है।
गरियाबंद जिला के कलेक्टर से शिक्षक दिलाने लगाई गुहार
ग्राम ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार के शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षक व्यवस्था की मांग को लेकर गरियाबंद जिला के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर से ग्राम पंचायत ओंढ के सरपंच रामसिंह सोरी, उपसरपंच विष्णु यादव, पतिराम यादव, सुन्दरलाल, पुनीतराम, सीताराम, निरंजन सोरी, सरलुराम, देवकुमार, भागाबाई, रामेश्वरी, देवकी, लखनराम, निर्मला, रामबाई, उमेश कुमार, मयाराम, तेजराम, मानकी बाई, यशकुमार, सुखराम सहित क्षेत्र के ग्रामीणों ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर से मांग किया है शासकीय प्राथमिक शाला ओंढ, अमलोर, हथौडाडीह और नगरार में बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षक की व्यवस्था किया जाए।