फिशरमेन वीजन डाक्यूमेन्ट्स के संकल्प को पूरा न कर भाजपा ने किया वादा खिलाफी
1 min read- निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने से मुकर गये योगी व भाजपा : चौ.लौटनराम
बरहज ,देवरिया। 2012 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी व स्व. सुषमा स्वराज ने मावलंकर सभागार में मछुआरा दृष्टि पत्र/फिशरमेन विजन डाक्यूमेन्ट्स जारी करते हुए संकल्प लिया था कि 2014 में सरकार बनने पर निषाद मछुआरा समाज की जातियों को अनुसूचित जाति/जनजाति का दर्जा देकर क्षेत्रीय असमानता व आरक्षण की विसंगति को दूर किया जाएगा। साथ ही निषाद मछुआरों के आर्थिक विकास के लिए नीली क्रान्ति को विकसित करने का संकल्प लिया था । समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ. लौटन राम निषाद ने फिशरमेन विजन डाक्यूमेन्ट्स के संकल्प को पूरा न करने का भाजपा पर वायदाखिलाफी का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि जब योगी सांसद थे तो संसद में निषाद, मल्लाह, केवट, कश्यप, विन्द आदि जातियों की गरीबी व बदहाली का हवाला देकर अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग उठाते थे। परन्तु मुख्यमंत्री बनते ही वे निषादों को भूल गये।भाजपा ने विधान सभा चुनाव 2012 के चुनाव घोषणा पत्र व भाजपा दृष्टि पत्र में सकल्प लिया था कि भविष्य में भाजपा की सरकार बनने पर निषाद, मछुआ, मल्लाह, केवट, माझी, धीवर धीमर, कहार, कश्यप, गोड़िया, तुरहा. बाथम, रायकवार, विन्द, नोनिया, लोनिया, भर, राजमर, कुम्हार, प्रजापति, वियार, बंजारा आदि जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाया जायेगा ।
श्री निषाद ने कहा कि वर्तमान में राज्य व केन्द्र दोनों जगहों पर यानी डबल इंजन की भाजपा की सरकार होने के बाद भी अतिपिछड़ी जातियों से किया गया वायदा भाजपा ने पूरा न कर दगाबाजी व वायदाखिलाफी किया है। सपा सरकार ने 17 अतिपिछडी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दने के संबंध में केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था । भाजपा ने अपना वायदा तो पूरा नहीं किया, उलटे सपा सरकार के द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को निरस्त व रद्द कर दिया। चुनाव के समय भाजपा श्रीराम-निषादराज की मित्रता का हवाला देकर निषाद मछुआरा समाज का वोट लेती रही है। परन्तु सत्ता में आने के बाद निषादों की हर स्तर पर उपेक्षा व अधिकार हनन ही किया है। सपा सरकार ने निषाद समाज का सम्मान बढ़ाने के लिए 5 अप्रैल को निषादराज व कश्यप ऋषि की जयन्ती के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था । जिसे योगी सरकार ने खत्म कर दिया।
श्री निषाद ने कहा कि भाजपा निषाद मछुआरों व पिछड़ों दलितों की जन्मजात दुश्मन पार्टी है। पिछड़ा वर्ग आरक्षण, काका कालेलकर आयोग व मण्डल कमीशन की विरोधी भाजपा पिछड़ा वर्ग की हितैशी नहीं हो सकती। भाजपा सरकार ने निषाद, मछुआरों के कल्याण व उत्थान से सम्बन्धित शासनादेशों में रद्दोबदल कर सार्वजनिक कर मछुआरों के परम्परागत पेशों मत्स्यपालन व बालू-मोरंग खनन को सामन्तों व माफियाओं के हाथों नीलाम कर दिया। सपा सरकार ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया था जिसे योगी सरकार ने निरस्त कर मछुआरों के साथ घोर अन्याय किया है। आगामी विधान सभा चुनाव में निषाद मछुआरा समाज व अतिपिछड़ा वर्ग भाजपा की चुनावी नईया को डुबाने का काम करेगा उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ों का मान-सम्मान, अधिकार सपा के साथ ही सुरक्षित है। भाजपा सरकार से लोक तंत्र, संविधान,संघ लोक सेवा आयोग व आरक्षण पर खतरे का बादल मंडरा रहा है। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने में जुटी हुयी है।