बीजेपी आरक्षण नियमावली में फेरबदल कर ओबीसी, एससी की कर रही हकमारी- लौटनराम
1 min readउच्चतर शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के परिणाम की कटऑफ मेरिट में उलटफेर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज की सचिव वंदना तिवारी ने जिस तरह की कटऑफ मेरिट के आधार पर परिणाम की घोषणा किया है, उसमें बहुत बड़ी गड़बड़ी की गई है। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ. लौटन राम निषाद ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के परिणामी कटऑफ मेरिट को आरक्षण व्यवस्था के प्रतिकूल बताते हुए भाजपा सरकार पर धांधली व उलटफेर कर पिछड़ा-दलित वर्ग की हकमारी का आरोप लगाया है ।
उन्होंने कहा कि सामान्य का मतलब ओपन कैटेगरी (अनारक्षित वर्ग) होता है, लेकिन सचिव वंदना तिवारी ने अनारक्षित वर्ग का मतलब सवर्ण मानकर ओबीसी,एससी, एसटी को आरक्षण न देकर सवर्ण जातियों को आरक्षण दे दिया। आयोग ने जो मेरिट बनाया है ,उसके अनुसार घोषित परिणाम में ओबीसी,एसटी की मेरिट सवर्ण (समान्य)से भी ज़्यादा चली गयी है,जो आरक्षण नीति के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि ओबीसी,एससी, एसटी की कटऑफ मेरिट सामान्य वर्ग से भी उच्च है जो बेहद चिंता का विषय है। निषाद ने बताया कि उ०प्र०उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज ने कल असिस्टेंट प्रोफेसर,वि०सं०47-के लिखित परीक्षा का परीणाम जारी कर दिया है। असिस्टेंट प्रोफेसर-कृषि वनस्पति की कटऑफ मेरिट सामान्य वर्ग की -105.05, ओबीसी की-125.25 व एससी/एसटी की-107.07 है।असि०प्रोफेसर-पादप रोग की कटऑफ मेरिट सामान्य वर्ग की-133.33, ओबीसी की-141.41 व असि०प्रोफेसर-कीट विज्ञान की कटऑफ मेरिट सामान्य वर्ग की-120.41, ओबीसी की कट ऑफ मेरिट-148.98 है।
निषाद ने कहा कि सपा सरकार के समय की नियुक्तियों पर उंगली उठाने वाली भाजपा सरकार तो आरक्षण नीति का मजाक बना दिया।योगी के समय में जितनी भी भर्तियां की जा रही हैं,उसमे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी व उलटफेर की जा रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा खुलेआम डकैती की जा रही है।