जीवन की कला को अपने हाथों साकार कर नारी ने सभ्यता और संस्कृति का रूप निखारा है, नारी का अस्तित्व ही सुन्दर जीवन का आधार है- राज्यपाल अनुसुइया उइके
1 min read- श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी ने विश्व महिला दिवस पर आयोजित किया विशेष आयोजन
श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी रायपुर द्वारा “सशक्त भारत का आधार: समर्थ महिला” को आधार मानते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” (08 मार्च) मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत यूनिवर्सिटी परिसर के आस्था मंच में प्रेरणास्रोत कुलाधिपति महोदय श्री रविशंकर जी महाराज जी के आशीर्वाद से, माँ सरस्वती के वंदन एवं पूजन से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन सुश्री अनुसुइया उइके जी के सारस्वत उपस्थिति में संपन्न हुईं. अति विशिष्ट अतिथियों में पद्मविभूषण तीजन बाई जी, सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका, पद्मश्री फुलबासन बाई यादव जी,सामाजिक कार्यकर्त्ता, श्रीमती अनीता योगेन्द्र शर्मा जी, माननीय विधायक, धरसींवा विधानसभा, श्रीमती कविता बरुवा जी, महासचिव प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी छ.ग. एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय प्रति-कुलाधिपति श्री राजीव माथुर जी की गरिमामयी उपस्थिति रही. कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार पाठक जी ने की।
मुख्य अतिथि, माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके जी ने कहा कि जीवन की कला को अपने हाथों साकार कर नारी ने सभ्यता और संस्कृति का रूप निखारा है. नारी का अस्तित्व ही सुन्दर जीवन का आधार है। महिलाएं अबला नहीं बल्कि शक्ति स्वरूपा और स्वयं सिद्धा होती है. उनकी प्रतिभा को यदि सही अवसर उपलब्ध कराया जाए तो वो पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक संवेदनशीलता और सामूहिक हित की भावना के साथ समाज का भला कर सकती है। आधी आबादी के तौर पर महिलाएं हमारे समाज -जीवन का एक मजबूत आधार है। महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है। कई बार महिलाओं के साथ पेशेवर जिंदगी में भेदभाव होता है। घर-परिवार में भी कई दफा उन्हें समान हक और सम्मान नहीं मिल पाता है। फिर वे जूझती हैं। संघर्ष करती हैं और इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में उनका ही सर्वाधिक योगदान है।
उन्होंने कहा कि ‘सशक्त महिला, सशक्त समाज’ देश के विकास में दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। देश में महिलाओं का सशक्तिकरण होना आज की महती आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना। भारत में महिलाएं शिक्षा, राजनीति, मीडिया, कला व संस्कृति, सेवा क्षेत्रों, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में भागीदारी कर रही हैं।
राज्यपाल जी ने अपने जीवन संघर्षों की चर्चा करते हुए महिला संघर्षों को रेखांकित करती कविता, मंजिल मिले न मिले, उसका मुझे गम नहीं, मंजिल की जूस्तजू में मेरा कारवां तो है, सुनाया।
अति विशिष्ट अतिथि पद्मविभूषण तीजन बाई जी ने कहा कि मां, बहन, बेटी, पत्नी, सखी, प्रेमिका, शिक्षिका हर रूप में करुणा, दया, सरंक्षण, परवाह, सादगी की अपार शक्ति है नारी, जिसने अंधेरों में सिमटी ना जाने कितनी जिंदगियों को योद्धा बनाया है। मेरी