सावधान, बेवजह घरों से बाहर ना निकले… दो दिन में 2 बेटों की मौत के बाद तीसरे दिन पिता की भी हुई मौत
रायपुर, दुर्ग। कुछ दिनों पहले भिलाई से दिल दहला देने वाली खबर आई। पढ़कर कुछ समय के लिए तो दिल बैठ सा गया। एक बार ऐसा लगा की खबर ना बनाऊ लेकिन यह बताना भी जरूरी है कि किस तरह से कोरोना महामारी में लोग अपने को खो रहे हैं, जो लोग निडर सड़कों पर घूम रहे हैं उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। बेवजह घरों से बाहर ना निकले डर जरूरी है तभी आप सावधान रहेंगे।
इंदिरा नगर चरौदा भिलाई के एक परिवार के 3 सदस्यों की जिंदगी कोरोना ने छिन ली। 2 दिन के भीतर 2 बेटों की मौत हो गई और तीसरे दिन पिता भी चल बसे। खड़तकर परिवार में मातम छाया हुआ है। कोरोना संक्रमण के चलते दोनों बेटों का इलाज अस्पतालों में चल रहा था, लेकिन वे कोरोना की जंग हार गए. 2 बेटों के गुजरने के बाद बुजुर्ग पिता पर पहाड़ टूट गया और सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाया। तीसरे दिन वे भी प्राण त्याग दिए।
परिवार के सदस्य व पत्रकार दीपक खड़तकर ने बताया कि उनके चाचा रिटायर्ड रेलवे कर्मी बलवंत खड़तकर (80 वर्ष) का परिवार इंदिरा नगर चरौदा भिलाई में निवासरत हैं। चाचा के बड़े व छोटे बेटे कोरोना संक्रमित हुए। बड़े बेटे शशिकांत खड़तकर (54 वर्ष) बीएसपी कर्मचारी को 8 दिन पहले इलाज के लिए सेक्टर 9 भिलाई में भर्ती कराया। इलाज के दौरान 24 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। छोटे बेटे प्रशांत खड़तकर (46 वर्ष) को 6 दिन पहले चरौदा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 25 अप्रैल वे भी दुनिया से चल बसे. वे प्रायवेट नौकरी करते थे। चाचा बलवंत खड़तकर की मौत 26 अप्रैल को निवास में ही हो गई।
यह मौत का आंकड़ा लगातार तीसरे सप्ताह से कुछ कम नजर नजर नजर नहीं आ रहा है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जगदलपुर, बिलासपुर आंकड़े जगतार बढ़ रहे हैं।