सेन्सस-2021 में जातिवार जनगणना व समानुपातिक आरक्षण कोटा की मांग
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- जमानिया विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गॉंवों में चौपाल लगा पिछडों-दलितों को किया गया जागृत
दिलदारनगर। पिछडों को अपनी लड़ाई लड़ने के लिए जातीय दायरे से ऊपर उठकर वर्गीय भावना पैदा करनी होगी।यह कैसी विडम्बना है कि “हिजड़ों/किन्नरों की जनगणना कराई जाती है, पर अगड़ों व पिछडों की नहीं।” सेन्सस-2021 में जातिवार जनगणना कराने की मांग को लेकर पिछडों को आगे आने की जरूरत है।जमानिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी करने के बाद आने पर जगह जगह चौ.लौटनराम निषाद व रविप्रकाश रणजीत सिंह यादव का स्वागत किया गया।विधानसभा क्षेत्र के खजूरी, भदौरा, अरंगी, बबुरहनी, धनाड़ी वह गहमर आदि गाँवों में पिछड़े दलित वर्ग को जोड़ने जगाने व सपा से जोड़ने के उद्देश्य चौपाल का आयोजन किया गया।
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खजूरी में रणजीत सिंह के संयोजकत्व व वाल्मीकि निषाद की अध्यक्षता में व गहमर में कृष्ना चौधरी,नितेश यादव के संयोजकत्व एवं विभूति नारायण बिन्द की अध्यक्षता में चौपाल का कार्यक्रम संपन्न हुआ।इस अवसर पर समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछडेवर्ग की जातियाँ फिरकापरस्ती की भावना का शिकार हो अपनी ताकत को कमजोर कर रही हैं। जबतक अपना पिछड़ा समाज यादव, निषाद, कश्यप, लोधी, कुशवाहा, शाक्य, प्रजापति, विश्वकर्मा, सैनी, गुर्जर, जाट,साहू, बिन्द, बियार राजभर, चौहान आदि के खाँचे से बाहर निकलकर वर्गीय आधार पर एकजुट नहीं होगीं, सामाजिक अन्याय की शिकार होती रहेंगी।
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कहा कि भाजपा नफरत व दहशत की राजनीति करने वाली फिरकापरस्त पार्टी है।मण्डल विरोधी भाजपा कभी पिछडों की हितैषी नहीं हो सकती।भाजपा व संघ ने यादव-ग़ैरयादव, जाटव-ग़ैरजाटव व हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत की भावना पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाया।कमण्डल की राजनीति को जवाब देने के लिए मण्डल व अम्बेडकरवाद को आगे करना होगा।भाजपा से संविधान, लोकतंत्र व आरक्षण को खतरा उत्पन्न होता जा रहा है। निषाद ने सेन्सस-2021 में जातिवार जनगणना कराने, एससी/एसटी की भांति ओबीसी को भी कार्यपालिका, विधायिका में समानुपातिक आरक्षण कोटा दिए जाने की मांग उठाया। उन्होंने कहा कि समाजवादी समता सम्पन्नता के पक्षधर व हकदारी के पैरोकार होते हैं।संघ के इशारे पर भाजपा सरकार लेटरल इंट्री(पार्श्व भर्ती) द्वारा आईएएस बनाकर यूपीएससी को निष्प्रभावी कर रही है।।उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कॉलेजियम से मनोनयन नहीं बल्कि राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग/भारतीय विधिक सेवा आयोग के द्वारा प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए।
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इस अवसर पर निषाद ने कहा कि भाजपा ने राम व निषादराज की मित्रता का हवाला देकर वोट तो लिया,पर सरकार बनने के बाद आरक्षण प्रस्ताव को निरस्त व निषादराज जयंती के अवकाश को खत्म कर दिया।उन्होंने कहा कि भाजपा पिछडों, दलितों, मुसलमानों की दुश्मन है।भाजपा वोट के लिए मल्लाह, केवट, बिन्द, गोंड़,कहार, मुसहर,कोयरी,अहीर,कुर्मी,खरवार,लोधी,चौरसिया, साहू,विश्वकर्मा,चमार,पासी,डोम, धरकार, प्रजापति आदि को हिन्दू कहती है,पर सरकार बनने पर इनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव करने लगती है।15 सदस्यीय राममंदिर निर्माण ट्रस्ट में किसी भी पिछड़े को सदस्य नहीं बनाया जाना उसके असली चेहरे को उजागर करती है।
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चौपालों को भीम चौधरी,विवेक मौर्या,रविप्रकाश यादव, शोभनाथ बिन्द, घुरहू निषाद, अनुराग सिंह,परमेश्वर निषाद, हरेंद्र राजभर,उमेश बिन्द आदि ने सम्बोधित किया।