वैट टैक्स कम करने के नाम पर छत्तीसगढ़ी जनता से छल : भोजराज भोजू
1 min readभिलाईनगर. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं नगरपालिक निगम भिलाई वार्ड नंबर 12 के पूर्व पार्षद भोजराज भोजू ने कहा कि सीएम भूपेश ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने के नाम पर प्रदेश की जनता के साथ भद्दा मजाक किया है. देश के अन्य राज्यों से भी सस्ता पेट्रोल-डीजल देने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सारी डींगें बेनकाब हो गई है. भोजू ने कहा कि महंगाई के नाम पर मिथ्या प्रलाप करके देश-प्रदेश को भ्रमित करने में लगे कांग्रेसी नेता और मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश की जनता को राहत पहुँचाने की अपनी बारी आने पर अपने घोर जन-विरोधी राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन करने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल में वैट घटाने के नाम पर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता के साथ सरासर धोखा किया है. पिछले तीन साल से धोखाधड़ी करती आ रही प्रदेश सरकार ने एक बार फिर अपने राजनीतिक छल-कपट और धोखाधड़ी कर जनता को ठगा है. पेट्रोल में सिर्फ 12 आने से लेकर 1 रुपए तक की और डीजल में सवा रुपए से डेढ़ रुपए तक की छूट दे रही प्रदेश सरकार ने अपनी करतूत और धोखाधड़ी छिपाने के लिए वैट में कटौती जान-बूझकर प्रतिशत में घोषित की. जिस प्रकार अन्य राज्यों की सरकारों ने अपने-अपने प्रदेश के उपभोक्ताओं को 5 से 7 रुपए तक की राहत पहुँचाई है. कम-से-कम प्रदेश की भूपेश सरकार इतनी राहत पहुँचाती तो जनता को इसका लाभ भी मिल पाता. भोजू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को इस कदर कंगाल बनाकर छोड़ा है कि 12 आने से ज्यादा की राहत जनता को देने की शायद इस प्रदेश सरकार की बस की बात ही नहीं रह गई है. उन्होंने ने कहा कि जब-जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जनता को राहत पहुँचाने के लिए छूट की घोषणा की, उसे लेकर मुख्यमंत्री बघेल गाहे-बगाहे खूब रुदाली-प्रलाप करते रहे. तानाकशी करते रहे, लेकिन आज प्रदेश की जनता को दी गई राहत के बारे में मुख्यमंत्री बघेल को क्या शर्म महसूस होगी? अगर केंद्र सरकार की 5-10 रुपए की छूट ऊंट के मुँह में जीरा थी तो आज प्रदेश सरकार और कांग्रेस का एक भी नेता यह बता दे कि 5-10 रुपए के मुकाबले 75 पैसा कितना होता है? प्रदेश के वित्त मंत्री का भी भार सम्हाल रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह बताना चाहिए कि एक रुपए 44 पैसे की कमी से बस यात्रियों को कितनी राहत होगी ? बस का किराया कितना कम होगा ?