छत्तीसगढ़ की पहली बालिका वैज्ञानिक साक्षी जायसवाल रशियन, कजाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्रियों से सम्मानित हुए
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- साक्षी जायसवाल पहली बार मनाये जाने वाले स्पेस-डे में चेन्नई तमिलनाडू के राजभवन में गवर्नर व प्रधानमंत्री भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार व विदेशी वैज्ञानिकों से सम्मानित हुए
गरियाबंद। हीरा के लिए प्रसिद्ध जिला गरियाबंद के बेटी साक्षी जायसवाल ने अपने प्रतिभा के दम में गरियाबंद जिला एक बार फिर इतिहास रचा दिया हैं। दरअसल पहली बार 23 अगस्त को चेन्नई में यंग इंटिस्ट इंडिया अवार्ड सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया, इसमें जिले एक मात्र बेटी साक्षी जायसवाल शामिल हुए। प्रथम बार मनाये जाने वाले स्पेश-डे पर रशिया तथा कजाकिस्तान से पधारे 2 अंतरिक्ष यात्रीयो में एडिन एइम्बेटोव, सर्गेई, कोर्साकोव, स्पेश इंडिया के प्रमुख डॉ केसन सहित देश व विदेश से आए वैज्ञानिको ने साक्षी जायसवाल को सम्मानित किए। स्पेस किड्स इंडिया के प्रमुख डॉ. केशन की ओर से विशेष रूप से यह कार्यक्रम बाल विज्ञानिकों के लिये आयोजित किया गया है। चंद्रवान 3 के दक्षिणी ध्रुष पर सफलता सूर्वक लैंडिंग को भारत सरकार ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय स्पेस-डे के तौर पर मनाने की घोषणा किए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार साक्षी जायसवाल जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रा हैं। 23 अगस्त को होने वाले नेशनल स्पेश डे सेलेब्रेशन के विशेष आयोजन के यंग साईटिस्ट इंडिया के 10 वे संस्करण के उपलक्ष्य में तमिलनाडू के राज भवन में नेशनल लेवल इनोवेशन चैलेंज ग्रैंड फ़िनाले प्रोग्राम में विभन्न छात्र-छात्राओं ने अपने प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया। यंग साइंटिस्ट इंडिया अवार्ड में जिले के इस छात्रा ने भाग लिए छत्तीसगढ़ के पहली महिला बाल वैज्ञानिक बन चुकी छात्रा का पुनः चेन्नई के चयन हुआ था।साक्षी जायसवाल ने नवाचार मॉडल बनाया है लाई फ़ाई जो कि वाईफाई से कई गुना बेहतर व बिना किसी रेडिएशन के बिना किसी नुकसान के साथ में लोगों तक बेहतर नेटवर्क के साथ में लाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है और यह कम खर्च पर व आसानी से प्राप्त कर सकते हैं अपने ही घरों पर विद्युत से चलने वाली हाई लेवल के इंटरनेट उपलब्ध किया जा सकते हैं इस उपलब्धि के लिए साक्षी जायसवाल को सम्मानित किया गया, उन्होंने बताया कि लाई फाई बनाया हैं जिसे विद्युत के माध्यम सामान्य रूप से कनेक्ट कर सकते हैं।
स्पेस-डे में शामिल हुई साक्षी जायसवाल के साथ उनके माता पिता भी शामिल हुए, साक्षी जायसवाल बचपन से ही अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा रखती हैं।
छत्तीसगढ़ के पहली बालिका वैज्ञानिक बन चुकी साक्षी जायसवाल नवोदय विद्यालय कि छात्रा हैं जायसवाल स्पेस किड्स इंडिया, यंग साइंटिस्ट इंडिया के ग्रैंड फिनाले में हुए समान्नित।
साक्षी जायसवाल स्पेस यंग साइंटिस्ट, स्पेस किट्स इंडिया चैलेंज प्रतियोगिता चेन्नई 23 में हुए पुरुस्कृत में शामिल होकर छत्तीसगढ़ की पहली बालिका वैज्ञानिक बन चूंकि हैं। छात्रा साक्षी जायसवाल कक्षा 10वी जवाहर नवोदय विद्यालय पाण्डुका गरियाबंद के प्रतिभाशाली छात्रा हैं। साक्षी जायसवाल ने स’स्पेस किड्स इंडिया संस्था ‘के ग्रैंड फिनाले के दसवें संस्करण में ‘स्पेस किड्स इंडिया यंग साइंटिस्ट इंडिया चैलेंज 2023-24 प्रतियोगिता में शामिल हुएl यह प्रतियोगिता चेन्नई राज भवन में आ अगस्त को व क्लाइनार आरंगम आडिटोरियम में 23 अगस्त को आयोजित की गयी छात्रा साक्षी ने इलेक्ट्रॉनिक साइंस वर्ग में भाग लिया, इस प्रतियोगिता में छात्रा साक्षी के द्वारा ग्रांड फिनाले में मॉडल और प्रस्तुति प्रस्तुत कि छात्रा साक्षी ने बताया की यहाँ तक पहुचाने में नवोदय विद्यालय के साइंस शिक्षिका ममता मेंम मार्गदर्शिका रही। साक्षी जायसवाल छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के अकेली छात्रा है जिसका स्पेस किड्स इंडिया, यंग सांइटिस्ट इंडिया में चयन हुआ है यंग साइंटिस्ट इंडिया के आयोजन में पूरे भारत देश के प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें जम्मु कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के जिसमें आठ केंद्रशासित प्रदेश व 28 राज्य के अलग-अलग जगहों से कुल 18000 छात्र-छात्राओ रजिस्ट्रेशन कराए थे, जिसमें से ग्रांड फिनाले के लिए कुल 103 छात्र- छात्राओं ने भाग लिया था,यंग साइंटिस्ट इंडिया तीनों चरणों के लिए साक्षी ने पूरे भारत भर में अपना प्रतिभा दिखाते हुए चयन होकर अंतिम फाइनल में स्थान बना कर ग्रांड फिनाले शामिल हुई ।साक्षी जायसवाल के माता पिता दोनो डी ए वी स्कूल में शिक्षक हैं. भाई पियुष जायसवाल भी सबसे कम उम्र के बाल वैज्ञानिक हैं साक्षी जायसवाल को इस उपलब्धि के लिए विद्यालय के प्राचार्य महेंद्र राम सहित शिक्षक- शिक्षिकाओ ने भी बधाई व शुभकामनाएं दिए।