राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ का गौरव गरियाबंद के शिक्षक सोनजीत यादव हुए सम्मानित
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के शासकीय पुर्व माध्यमिक शाला नागेश के शिक्षक सोनजीत यादव हुए सम्मानित, राष्ट्रीय कार्यशाला में दिखाया छत्तीसगढ़ का गौरव। शासकीय पुर्व माध्यमिक शाला नागेश के शिक्षक सोनजीत यादव को मध्यप्रदेश के दमोह में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में विद्यालयों की भूमिका विषय पर आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन पर मिला। यह कार्यशाला संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में सीसीआरटी (सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र) के क्षेत्रीय केंद्र दमोह में 26 अगस्त से 4 सितंबर तक आयोजित हुई थी।

- देशभर के 65 शिक्षकों ने लिया हिस्सा
समग्र शिक्षा रायपुरके प्रभारी रिशी पाण्डेय ने बताया कि इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में देश के 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 65 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया, जिसमें छत्तीसगढ़ से 9 शिक्षक शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने राज्यों की कला, संस्कृति और धरोहर पर प्रेजेंटेशन दिए, जिससे भारत की सांस्कृतिक विविधता को समझने का मौका मिला।
- भ्रमण से मिला अनोखा अनुभव
कार्यशाला के दौरान शिक्षकों को विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिरों और दमोह के रानी दमयंती पुरातात्विक संग्रहालय का भी भ्रमण कराया गया, जिसे उन्होंने एक अद्भुत और अविस्मरणीय अनुभव बताया। शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि इस कार्यशाला से मिली सीख को वे अपने विद्यालयों में बच्चों तक पहुँचाकर शिक्षा को और अधिक रोचक और संस्कृति से जोड़ेंगे।
- कला-आधारित शिक्षा की नई शुरुआत
समापन समारोह में दमोह के जिला प्रशासनिक अधिकारी वायए कुरैशी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए दमोह में उनके आने पर गर्व महसूस किया। इस समारोह में सभी शिक्षकों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए। सीसीआरटी कोऑर्डिनेटर त्रिपाल सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल एक कार्यशाला का अंत नहीं, बल्कि कला-एकीकृत और संस्कृति-आधारित शिक्षा को कक्षाओं तक पहुँचाने की एक नई शुरुआत है।
