मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को तहस नहस करके रख दिये लाखागढ़ पंचायत में
1 min read- शिखा दास, पिथौरा, महासमुंद
- पिथौरा जनपद की नाक के नीचे लाखागढ़ पंचायत में नरवा, घुरूवा, गरुवा, बारी योजना तहस नहस ?
- लाखागढ़ तालाब भी घुरूवा बन चुका आधा से अधिक हिस्सा ?
- ग्राम में गौठान हेतु शासन से प्राप्त कोई साढ़े छह लाख रुपये आहरण तो हुए परन्तु इतने रुपयों से मात्र 2 टंकी का ही निर्माण हो पाया है
ग्राम लाखागढ़ निवासी उमर हसन,तारेश कोसरिया, कोमल कोसरिया, अरविंद कोसरिया , एवम् निमिष कोसरिया के संयुक्त हस्ताक्षर से मुख्यमंत्री को की गई एक शिकायत में कहा है कि उनके नरवा, गरवा, घुरवा बारी योजना को लाखागढ़ सरपंच सचिव द्वारा पूरी तरह तहस नहस कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि कोई 6-47 लाख लागत से बनाये जाने वाले गौठान में भारी गड़बड़ी की गई है। ग्रामीणों के अनुसार सरपंच सचिव द्वारा बनाये गए गौठान में मात्र 2 टंकियां बना कर कार्य समाप्त कर दिया गया है। गौठान की जगह जंगल के बीच है, जहां पहुंच मार्ग ही नहीं है।गौठान में पशुओं हेतु शेड का निर्माण नहीं करवाया गया। 2 टंकियों का निर्माण कर उसे गौठान का नाम दिया गया है।
इस स्थान पर घेरा तक नही करवाया गया है।कम्पोस्ट खाद बनाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके अलावा गोधन न्याय योजना के तहत बने गौठान में एक भी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं होने से चार वर्ष पूर्व प्रारम्भ की गई। यह योजना लाखागढ़ में पूरी तरह फ्लॉप हो चुकी है।
वहीं दूसरी ओर लाखागढ़ सरपंच द्वारा अपने भाई के नाम से ग्राम की प्राथमिक शाला भवन में आठ दुकानों का निर्माण स्वयम के खर्च से कर लिया गया है। निर्माण के अंतिम चरण में दुकानों को बेचने हेतु ग्राहकों की तलाश किये जाने की जानकारी भी शिकायत कर्ताओं ने दी है।
दूसरी ओर ग्राम सचिव रामअवतार ध्रुव को इस सम्बंध में चर्चा हेतु मोबाइल लगाया गया परन्तु वे बार बार मोबाइल काट रहे है जबकि जनपद अधिकारी एस एस पोयाम ने इस प्रतिनिधि को बताया कि वे यहां नए आये है। इसलिए जानकारी नहीं है।जल्द ही मामला देख कर जानकारी दी जाएगी।
लाखागढ़ की गायों को एनएच पर गली मुहल्लों में
स्वतंत्र विचरण करते लावारिस घूमते हमेशा देखा जा सकता हैं । सरपँच भी मोबाईल नहीं उठातें ? रिसिव नहीं किये बयान के लिए। Narva Garwa Ghurwa Bari Yojana छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। चूंकि यह योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है, इसलिये राज्य के प्रशासनिक स्तर पर इस योजना को लेकर बहुत गंभीरता बरती जा रही है परंतु लाखागढ़ में भौतिक सत्यापन करने पर चौकानें वाले परिणाम दिखेंगे। बाहर की एजेंसी से करवाया जाए तो सरपंचसचिव उपसरपंच अधिकारियों की लापरवाही मिलिभगत ऊजागर होगी। इस सहित अनेक योजनाओं में कोई गंभीरता नही दिखाई दे रही है।