किसान आन्दोलन… अब मोती बाग से किसानों का राजभवन मार्च 26 जून को
- किसानों का “खेती बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” देशव्यापी आंदोलन, राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम सौंपेंगे मांग पत्र
- संवाददाता, शिखा दास
तीन केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले एक साल से संघर्ष जारी है और दिल्ली सीमाओं पर जारी आंदोलन का 26 जून को सात महीना पूरा हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के देश व्यापी आह्वान पर 26 जून को “खेती बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न किसान संगठनों व उनके मोर्चों जैसे प्रगतिशील किसान संगठन, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन, किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में कॉरपोरेट परस्त किसान कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने की मांग को लेकर 26 जून को 12 बजे मोती बाग रायपुर से राजभवन तक मार्च कर राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।
उक्त आशय की जानकारी छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन से आई के वर्मा, राजकुमार गुप्ता, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से सुदेश टीकम, संजय पराते, आलोक शुक्ला, नरोत्तम शर्मा, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों जनक लाल ठाकुर, तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, शत्रुघन साहू, मदन लाल साहू, किसान बंधु संगठन धमधा के टेक सिंह चंदेल ने बताया कि 46 साल पहले 26 जून 1975 को तत्कालीन इंदिरा सरकार द्वारा देश में आपातकाल लगाया गया था, मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों के दिल्ली आंदोलन को 26 जून को 7 माह पूरे हो रहे हैं।
इस अवसर पर पूरे देश भर के किसान 26 जून को “खेती बचाओ – लोकतंत्र बचाओ” आंदोलन करेंगे, राज्यों के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को मांगपत्र सौंपेंगे ।