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October 17, 2024

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कोरोना रोकथाम के सामाग्री खरीदी में SECL में भ्रष्टाचार, 3 फार्मासिस्ट को निलंबित कर मामले की लीपापोती, प्रबंधन पर आरोप

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मनेन्द्रगढ़। SECL एसईसीएल उपक्रम के हसदेव क्षेत्र में अधिकारियों की मिलीभगत से कोरोना काल में सामानों की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. इस मामले की जांच कोयला मंत्रालय का सतर्कता विभाग और col india का सतर्कता विभाग भी कर रहा है । इस जांच से घबराए अधिकारियों ने आनन-फानन में केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ के तीन फार्मासिस्टों को निलंबित कर दिया है। 3 फार्मासिस्टों पर दस्तावेजों को लीक करने का आरोप लगा है। प्रबंधन पर आरोप है कि मामले को उलझाने और भटकाने के लिए प्रबंधन ने फार्मासिस्टों पर ही आरोप मढ़ दिया है।

अपने सेवा के अंतिम दिन यहां पदस्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारी, केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ ने तीन फार्मसिस्टों को निलंबित किया है जो खुद ही संदेह के दायरे में हैं और उन पर भी भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप है। आरोप है कि कोरोना की त्रासदी में भी एसईसीएल हसदेव क्षेत्र में लाखों रुपए का गबन अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है। कोल इंडिया के एसईसीएल उपक्रम के हसदेव क्षेत्र में कोविड-19 के नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों का भ्रष्टाचार किये जाने के संबंध में मुख्य सतर्कता अधिकारी कोयला मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली, सतर्कता अधिकारी कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता, कार्मिक निदेशक एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर सहित विभिन्न अधिकारियों को इस मामले की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के मांग की गयी थी, वरिष्ठ कार्यालयों ने इसे गंभीरता पूर्वक लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस मामले में नया मोड़ तब आ गया जब इसी मामले में शिकायत करने वाले कमल वैश्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ”मैनें कुछ दिनों पूर्व केन्द्रीय चिकित्सालय मनेन्द्रगढ में हुए पीपीईकिट, मास्क एवं अन्य मद्दों से संबंधित एसईसीएल के प्रबंधन से कुछ गंभीर शिकायतें की थी, जिसकी जानकारी आप सभी को हैं, जिस पर कोई जांच अभी तक नहीं की गई और सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए केन्द्रीय चिकित्सालय में पदस्थ तीन फार्मसिस्टों को निलंबित कर दिया गया है। परंतु मेरी शिकायत पर भ्रष्टाचार की जांच कराने के बजाय प्रबंधन द्वारा अंधेरे में तीर चलाया जा रहा है। और बेगुनाह कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है। आरोप भी यह लगाया जा रहा है कि उन्होने भ्रष्टाचार को उजागर क्यों किया जबकि मेरे द्वारा दिये गये दस्तावेज पूरी तरह से प्रमाणित है, और कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पास से होकर गुजरे हैं, फिर भी तीन लोगों को निलंबित करना मामले को दबाने की साजिश को दर्शाता है।

अधिकारियों पर आरोप है कि एन-95 मास्क, पीपीई किट, सर्जिकल मास्क थ्री लेयर, सर्जिकल कैप, हाइपोक्लोराइड सैल्यूशन, थर्मल स्कैनर(नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर), एन-95 मास्क विथ रेस्पीरेटर, पीपीई किट (80 जीएसएम) की खरीदी तीन आपूर्ति आदेश के माध्यम से मेसर्स-वर्षा सर्जिकल एण्ड मेडिकल, बी.के.टॉवर बलदेव बाग जबलपुर(म.प्र.) से लगभग 15 लाख रूपये में की गई है, इस ख़रीदी में कई प्रकार की अनियमितताएं बरती गयी है। एन-95 मास्क जो क्रय किया गया है वह अत्यंत ही घटिया किस्म का और नॉन ब्रांडेड मास्क क्रय किया गया है, एन-95 के स्थान पर डस्ट को रोकने वाला मास्क क्रय किया गया है, वह भी बाजार से दो-तीन गुना अधिक मूल्य पर, पीपीई किट नॉन ब्रांडेड और घटिया क्वॉलिटी का लिया गया है, यह किट बाजार से दो-तीन गुना अधिक मूल्य पर क्रय किया गया है, सर्जिकल मास्क थ्री लेयर, सर्जिकल कैप, हाइपोक्लोराइड सैल्यूशन, थर्मल स्कैनर(नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर), एन-95 मास्क विथ रेस्पीरेटर, पीपीई किट (80 जीएसएम)यह सब भी बाजार से दुगुने और तिगुने दरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के मापदंडों के विपरीत जाकर बाजार में खुदरा बिक्री दर से ऊपर जाकर थोक में क्रय किया गया है, हसदेव क्षेत्र से नजदीक बिलासपुर, रायपुर से इन सभी सामग्री को क्रय न करके अपनी सुविधा अनुसार जबलपुर से क्रय किया गया है।

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