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October 17, 2024

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खास खबर… मैनपुर ब्लाॅक के बिरीघाट में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार, जांच पर जांच पर अब तक नहीं हुई कार्यवाही

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  • जनपद पंचायत, जिला पंचायत की बैठक में कई बार जांच मांग को लेकर हुआ हंगामा, पर नतीजा सिफर
  • मनरेगा योजना के तहत पौधा रोपण के लिए 1 करोड 20 लाख रूपये हुए थे स्वीकृत, 45 एकड में करना था वृक्षारोपण, मौके पर 20 प्रतिशत भी पौधे नहीं
  • हसन खान, मैनपुर

मैनपुर -गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरीघाट में मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 45 एकड भूमि पर वृक्षारोपण करने एक करोड 20 लाख रूपये की भारी भरकम राशि शासन ने स्वीकृत किया। सात अलग अलग स्तरो पर इस वृक्षारोपण कार्य को दो वर्ष में पूर्ण किया जाना था, जिसमें 45 एकड भूमि की फैसिंग के लिए लगभग 15 लाख रूपये, खाद के लिए 20 लाख रूपये स्वीकृत होने की बात बताई जाती है। इस योजना के तहत फलदार वृक्ष आम आंवला, जामुन, अमरूद जैसे वृक्षो का रोपण करना था साथ ही इसके देख रेख की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत बिरीघाट की थी, लेकिन इस पौधारोपण के नाम पर जो भ्रष्ट्राचार सामने आया है। वह सब को चैकाकर रख दिया है। आज मौके पर 20 प्रतिशत पौधे भी जीवित नही बचे है और चारों तरफ घांस, फुंस, खरपतवार फैला हुआ है, मनरेगा योजना का जो मडिया मेंट यहा किया गया है।

ऐसी स्थिति पुरे प्रदेश में और दुसरे जगह देखने को नहीं मिलती। बिरीघाट में पौधारोपण के नाम पर लाखों रूपये का भारी भ्रष्ट्राचार का आरोप को लेकर पूर्व में जनपद पंचायत मैनपुर एंव जिला पंचायत गरियाबंद के बैठक में भी मामला जमकर गरमाया और ब्लाॅक स्तर से लेकर जिला स्तर तक की जांच टीम गठित की गई, लेकिन अब तक तीन वर्षो में न तो जाचं रिर्पाेट सार्वजनिक किया गया और न ही इस मामले पर कोई कार्यवाही की गई , जिससे क्षेत्र के ग्रामीणाें व जनप्रतिनिधियो में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है।

और इस मामले को लेकर क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर पुरे मामले की फिर से जांच कराने और दोषियों पर कार्यवाही करने को लेकर बैठक आयोजित किया गया है।

मैनपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत बीरीघाट में पिछले तीन साल में 20 हजार पौधे लगाने हेतु एक करोड़ 20 लाख रुपए की राशि का आवंटन हुआ था परंतु संबधित लोगों के द्वारा पैसों का बंदरबांट करके इस योजना को मटटी पीतिल करने में कोई कसर नहीं छोडा गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पौधारोपण घोटाले में लाखों रुपये का तो फर्जी बिल लगाया गया है जिसमें संबधित अधिकारियों के मिलीभगत और सांठगांठ की बात नजर आती है और तो और मौके पर कोई सूचना बोर्ड तक नजर नहीं आता। मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना के तहत पूरे प्रोजेक्ट में 20 हजार पौधे 3 सालों में लगाए जाने थे परंतु संबधित अधिकारियों की मिलीभगत से मौके पर शिवाय ठूंठों के कुछ भी नजर नहीं आता है। ग्रामीणाें ने बताया कि पिछले साल 3000 पौधे आए तो थे और यहां लगाए गए वह भी सिर्फ कागजी खानापूर्ति थी। कुछ लोगों का कहना है कि यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया पर आज तक इसकी कोई जांच नहीं हुई। बता दें कि पौधे लगाने के बाद ना कोई देखने आया ना ही समुचित व्यवस्था की गई, सिंचाई के नाम पर सोलर पंप तो लगाया गया पर सोलर पंप की चाबी भी जिम्मेदार यहां से ले जाकर अपने घर में रख देते हैं।

  • इतना ही नहीं मामले की शिकायत भी कई बार हुई है परंतु जिम्मेदारों के कानों में इसकी जू तक नहीं रेंगी, आखिरकार सरकार के पैसों का किस तरह बंदरबांट किया जा रहा है इसका उदाहरण बिरीघाट पंचायत में साफ-साफ देखा जा सकता है।

जनपद पंचायत मैनपुर से मिली जानकारी के अनुसार

जनपद पंचायत मैनपुर से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत बिरीघाट में 2018 में 20 हजार पौधा रोपण करने एक करोड 20 लाख रूपये स्वीकृत हुआ था, 45 एकड भूमि में वृक्षारोपण किया जाना था और सात अलग अलग भागो में तीन वर्षो के भीतर वृक्षारोपण को पुरा किया जाना था, इस मामले मे शिकायत के बाद जनपद स्तर पर जांच टीम भेजी गई थी जो जांच रिर्पोट जिला पंचायत को सौपा जिला पंचायत से जांच टीम बिरीघाट पौधारोपण की जांच करने पहुचा लेकिन अब तक जिला पंचायत की जांच रिर्पोट अप्राप्त है। साथ ही मामले की सभी दस्तावेज जिला पंचायत में जमा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

  1. जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव ने इस मामले में कहा कि जिला स्तर पर जांच टीम जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन अब तक जिला स्तर की जांच रिर्पोट अप्राप्त है,।
  2. मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी आर.के कंवर ने बताया कि मामले की पुरा रिकार्ड जिला कार्यलय में है वही से इस मामले की पुरी जानकारी मिल पायेगी ।
  3. जनपद पंचायत मैनपुर के सदस्य निर्भय ठाकुर ने कहा कि बिरीघाट में पौधारोपण के नाम पर 70 से 80 लाख रूपये कि भ्रष्ट्राचार किया गया है, कई बार मामले को लेकर जनपद व जिला स्तर में मुददा उठाया गया, सिर्फ जांच पर जांच किया गया, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुई इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही होने पर कई अधिकारियों पर गाज गिरेगी उन्होने कहा कि मामला की जांच की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से क्षेत्र की जनता के द्वारा किया जायेगा उन्होने कहा कि मौके पर 10 प्रतिशत भी पौधा जिंदा नही है।

तत्कालीन सचिव सलाम खान से चर्चा करने पर कहते है कि पौधे लगाए गये थे पर पानी की व्यवस्था नही होने के कारण अधिकांश पौधे मर गये और उन्होने मामले से पल्ला झाड लिया।

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