गोंड़, मझवार, तुरैहा जाति को परिभाषित करने की मांग
1 min readगोंड़ महासभा व राष्ट्रीय निषाद संघ के पदाधिकारियों की बैठक में आन्दोलन की रणनीति पर मंथन
लखनऊ । uttar prdesh news- राष्ट्रीय निषाद संघ एवं अखिल भारतवर्षीय गांेड़ महासभा के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक दारूलसफा, बी-ब्लाक स्थित कामन हाल में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन-जाति आयोग के सदस्य राजेन्द्र प्रसाद गोड़, प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय गोड़ महासभा की अध्यक्षता मंे सम्पन्न हुई है।
बैठक में अनुसूचित जाति की सूची में 10 अगस्त 1950 से ही शामिल मझवार, तुरैहा, गोड़ को परिभाषित कर इनकी समनामी जातियों को मूल नाम से प्रमाण पत्र जारी कराये जाने एवे केन्द्र को विधि सम्मत प्रस्ताव भेजनेे की मांग उ0प्र0 सरकार से की गई। सेंसस-1961 के अनुसार मझवार की पर्यायवाची/वंशानुगत नाम मल्लाह, केवट, मांझी, राजगौड़, गोड़ मझवार तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन-जाति आयोग की 19 जून 2001 के 20वें मीटिंग के मिनट्स मंे धीमर, कहार, गोडिया, धुरिया, रायकवार, राजगौड़ आदि 12 उपजातियों को गोड़ की पर्यायवाची जाति माना गया है।
राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चैधरी लौटन राम निषाद ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद, बिन्द, कश्यप, धीवर, कहार, मल्लाह, केवट आदि जातियों के लोग इस खुशफहमी में न रहे कि 24 जून 2019 के शासनादेशानुसार उक्त जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिलेगा और शासन व सरकार के दबाव में उक्त जाति नाम से प्रमाण पत्र बन भी गया तो उसकी वैधता व स्थायीत्व नहीं रहेगा। उन्होने उत्तर प्रदेश सरकार से मझवार, गोड़, तुरैहा जाति को परिभाषित कराते हुए विधि सम्मत प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजकर संसद की मुहर लगवाने की मांग किया। प्रदेश महासचिव विक्रम सिंह कश्यप एडवोकेट ने कहा कि जब तक मल्लाह, केवट, निषाद, धीवर, बिन्द, कहार अन्य पिछड़े वर्ग सूची में बने रहेगें तब तक मझवार, तुरैहा, गोड़ का प्रमाण पत्र मिलना कठिन है। प्रतिनिधि सम्मेलन को ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष सीताराम कश्यप, लौटन राम निषाद, गया प्रसाद धुरिया, गंगा राम बाथम, दया राम गोड़, सीताराम कश्यप, राजीव रतन कश्यप, रामयज्ञ गोड़, शत्रुघ्न प्रसाद गोड़, महावीर प्रसाद, विक्रम सिंह कश्यप आदि ने समबोधित करते हुए सत्ता पक्ष के लोगों से सही प्रस्ताव व शासनादेश करवाने के अनुरोध के साथ कहा कि सरकार ने उचित निर्णय नहीं लिया तो प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
इंजी. राम अवध प्रसाद गोड़ ने कहा कि मल्लाह, केवट, बिन्द, मंाझी को मझवार का, गोड़िया, धुरिया, कहार, रायकवार, बाथम, धीमर, सोरहिया को गोड़ का एवं तुरहा, धीवर, धीमर को तुरैहा नाम से प्रमाण पत्र जारी करने का स्पष्ट शासनादेश किये जाने की मांग की। बैठक ने 15 सदस्यीय संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसमें राम लगन गोड़ (गोरखपुर), विक्रम सिंह कश्यप एडवोकेट (मैनपुरी), चैधरी लौटन राम निषाद (गाजीपुर), गया प्रसाद धुरिया (बाराबंकी), रामप्रीत गौड़ (सुल्तानपुर), इंजी0 रामअवध प्रसाद गोड़ (गोरखपुर), रामनाथ गोड़ (बस्ती), राम अनन्त गोड़ (फैजाबाद), महावीर प्रसाद गोड़ (लखनऊ), रामानन्द गौड़ (संतकबीर नगर), छांगुर गोड़ (कानपुर), रामजग गोड़ (लखनऊ), हरि नारायण गोंड़ आदि को शामिल किया गया।