देवजी पटेल ने मोहन मरकाम के बयान पर किया पलटवार, राज्य सरकार को बताया नाकाम
1 min read- रायपुर
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के समर्थन मूल्य और धान खरीदी वाले बयान पर पलटवार करते हुए देवजी भाई पटेल ने कहा कि मरकाम जी लगातार झूठ का पुलिंदा छोड़ते हुए अपना कांग्रेस धर्म निभा रहे हैं l मुझे मालूम है श्री मरकाम एक अच्छे विधायक हैं सदन में अच्छे विचार रखते हैं, किंतु पीसीसी अध्यक्ष बनने के बाद शायद कुंठित हो गए, समर्थन मूल्य बोनस की बात पर उनका भाजपा पर सवाल उठाना कुंठित मानसिकता का परिचायक हैl वे और हम सदन में रहे रमन सिंह ने हमेशा कोशिश की कि किसानों की माली हालत कैसे सुधरे किसानों के लिए कांग्रेस के 50 साल के सरकार ने अगर कुछ किया होता तो देश में अन्नदाता कभी आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं होता । भाजपा सरकार में कांग्रेसी गवाह है रमन सरकार ब्याज के बोझ से मुक्त करने सोसाइटी में 14% ब्याज दर को कम ही नहीं वरण खत्म करते हुए 0% ब्याज पर कर्ज देने वाला देश का प्रथम राज्य बना। किसानों को लगने वाला ब्याज सरकार के द्वारा प्रदान किया जाता था , जो कि 1200 सौ करोड़ प्रतिवर्ष था रमन सरकार छत्तीसगढ़ को देश का ऐसा राज्य बनाया जहां किसान को ब्याज मुक्त फसल हेतु ऋण प्राप्त होता है।
पीसीसी अध्यक्ष को अपने पूर्व शासन करने वाले कांग्रेसियों को याद दिलाना चाहता हूं कि आपके कांग्रेसी कार्यकर्ता किसान जब कर्ज और ब्याज नहीं चुका पाते थे तो उनकी खड़ी फसल को, ट्रैक्टर को , बैल को खेतों से निकालकर नीलाम कर किसानों से वसूली की जाती थी । भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में एक भी किसान की जमीन कुर्की नहीं हुई ।
पीसीसी अध्यक्ष को याद दिलाना चाहता हूं की राज्य निर्माण के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री जो अपने को किसान हितैषी कहते हैं वह मंत्री के रूप में सरकार में थे जब 5 क्विंटल धान खरीदा जाता था, वह भी किसानों को कभी नई फसल के नाम पर रिजेक्ट करना तभी बदरा के नाम से पानी में डुबोकर धान खरीद कर किसानों को बर्बाद किया जाता था । रमन सरकार ने ही 5 से 15 क्विंटल धान खरीदना प्रारंभ किया और इतना ही नहीं अपने कार्यकाल में 300 बोनस समर्थन मूल्य के रूप में अतिरिक्त दिया क्या कॉन्ग्रेस ने कभी किसान के बारे में इतना सोचा था । 2013 में किसानों का समर्थन मूल्य 1100 रुपए हुआ रमन मोदी सरकार ने 2014 में मूल्य बढ़ाते हुए 1900 तक पहुंचाया समर्थन मूल्य की वृद्धि की जाती रही । मरकाम जी यह भी बताएं कि आपने अपने घोषणापत्र में ₹25 समर्थन मूल्य देने का वादा किया इन्हीं झूठे वादों के साथ आप किसानों को भ्रमित कर कर सत्ता में है परंतु आपकी सरकार की और भाजपा का रोना रो रहे हैं ।
इसे बंद कर अपनी घोषणा को पूर्ण करें और न्याय की बात करें
अध्यक्ष जी जमीनी हकीकत जानिए हवा में बातें ना करें किसान आपके राज में कितना लाचार हैं जमीन में उतर कर देखें । किसानों को प्रथम वर्ष से कर्ज माफी का छलावा किया खरीदी के नाम पर अव्यवस्था को कम करने की सोचे । अब गिरदारी और मेड के नाम पर 10 डिसमिल प्रति एकड़ कम करने की छलावा ना करें । और उस वक्त को भी ना भूले जब विपक्ष ने में रहते हुए आपके द्वारा बड़े त्यौहारों के पूर्व धान खरीदी की बात करते थे , अब 1 दिसंबर से आपकी सरकार धान खरीदी करके कितना न्याय कर रही है , क्या अब त्यौहार नहीं आते ? बोनस और समर्थन मूल्य के लिए किसानों को कब तक रुलाएंगे । मोदी सरकार तो बिना भेदभाव 40 से 60 लाख टन चावल छत्तीसगढ़ से लेने का निर्णय लिया है, जिसे 90 लाख टन धान खरीदा जा सकता है । अगर आप किसान हितैषी हैं तो 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदी करने अपने सरकार पर दबाव बनाएं ।
मोदी सरकार के द्वारा किसानों की हित में लाया गया बिल पूर्व में कांग्रेस की केंद्र सरकार 2013 में लाना चाहती थी परंतु अब मोदी सरकार द्वारा यह कानून लाया गया उसका भी आप विरोध करना शुरू कर दिए , जिस कानून से किसान अपनी स्वतंत्रता पूर्वक बिना रुकावट फसल को देश में अधिक मूल्य पर बेच सकेंगे अगर किसान को अधिक मुनाफा होगा तो कांग्रेश के पेट में दर्द क्यों हो रहा है मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है ना मंडी समाप्त होगी ना समर्थन ।
कांग्रेस सरकार किसानों के लिए किए गए सारे वादों में नाकाम रही है ।