कोटवार संघ द्वारा संविलियन और भूमि पर स्वामीत्व देने की मांग को लेकर मैनपुर में धरना प्रदर्शन
1 min read- मांगों को लेकर किया तहसील कार्यालय का घेराव
- शेख़ हसन खान, गरियाबंद
मैनपुर – कोटवार एशोसिएशन मैनपुर द्वारा आज गुरूवार को तहसील कार्यालय गौरघाट मैनपुर में जंगी रैली निकालकर धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी किया और कोटवार संघ ने अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांग कोटवारो को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए राजस्व विभाग में संविलियन किया जाये एवं मालगुजारो द्वारा 1950 के पूर्व दी गई माफी भूमि पर कोटवारो को स्वामीत्व का हक वापस दिया जाये। इस मांग को लेकर आज कोटवार संघ द्वारा धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी किया गया।
कोटवार संघ मैनपुर तहसील अध्यक्ष बसंत कुमार जगत ने कहा कोटवार शासन के सभी विभागो के हर छोटी बड़ी व्यवस्थाओं का जिम्मा पुरूखो से निभाते आ रहे है हर विभाग का कार्य पूरी ईमानदारी के साथ करते है और तो और गांव के पंचायत से लेकर थाना, तहसील, जनपद, एसडीएम कार्यालय सभी विभाग में अपना सेवा देते है इसके बावजूद हमारी मांगो को गंभीरता पूर्वक ध्यान नही दिया जा रहा है जिसके कारण आंदोलन करने बाध्य हो रहे है। श्री बसंत जगत ने कहा कोरोना संक्रमण काल में भी कोटवार अपनी जिम्मेदारी के साथ पूरे कार्यो को पूरा किया है और हमारा मानदेय बहुत कम है इसलिए अब भूपेश बघेल सरकार के घोषणा अनुसार कोटवारो की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए सभी कोटवारो को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए राजस्व विभाग में संविलियन किया जाये और मालगुजारो द्वारा 1950 के पूर्व दी गई माफी भूमि पर कोटवारो को भू-स्वामी हक वापस दिया जाये।
कोटवार संघ के सचिव लखन लाल सोनवानी ने कहा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज ही के दिन 2019 में पाटन के सम्मेलन में कोटवारो की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक मांग पूरा नही हुआ है उपेक्षापूर्ण रवैये से कोटवार नाराज है। उन्होने आगे कहा आज भी हमारी स्थिति ज्यौ की त्यौ बनी हुई है प्रशासन से लेकर ग्रामीण स्तर पर शासन के सभी विभागो का काम करने के बाद भी आज पर्यन्त तक कोटवारो को शासकीय कर्मचारी का दर्जा नही मिला है इसके कारण हम बेहद परेशान है। इस मौके पर प्रमुख रूप से कोटवार संघ के अध्यक्ष बसंत कुमार जगत, सचिव लखन लाल सोनवानी, भूषण लाल डोंगरे, उमेश नागेश, गिरधारी नागेश, झुरूराम नेताम, बजरंग देववंशी, भजनलाल देववंशी, शिवकुमार सोनवानी, कुंवरसिंह प्रधान, कुंतीबाई नेताम, घनश्याम नेताम, नोखेश्वर जगत, पांडुराम जगत, मेहत्तर नागेश आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।