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December 16, 2025

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दूरस्त वनांचल क्षेत्र राजापड़ाव, गौरगांव क्षेत्र के आश्रम, स्कूलों का जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने किया निरीक्षण

  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • आदिवासी इलाके के स्कूल, आश्रम, छात्रावासों में बदहाल स्थिति  अब तक पूरी पाठ्य पुस्तक का नहीं किया गया वितरण

गरियाबंद । मैनपुर विकासखण्ड के बिहड़ वनांचल में बसे राजापड़ाव गौरगांव क्षेत्र के स्कूल आश्रम के निरीक्षण में पहुंचे जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने छात्र छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना और जल्द ही इस मामले में गरियाबंद कलेक्टर को अवगत कराकर समस्या समाधान करने का आश्वासन दिया है। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने मैनपुर से लगभग 38 कि.मी. दूर संवेदनशील क्षेत्र ग्राम गहराडीह आदिवासी कन्या आश्रम का निरीक्षण किया यहां 100 सीटर आश्रम में मात्र 34 पलंग ही उपलब्ध है।

100 बच्चे इसी 34 पलंग में कैसे गुजारा करते होंगे यह समस्या से जिला पंचायत सदस्य को अवगत कराया गहराडीह शासकीय हाईस्कूल का निरीक्षण किया जहां शौचालय की बेहद दयनीय स्थति है। स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और तो और स्कूल के चारो तरफ आहता निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। कई बार इसे पूरा करने की मांग ग्रामीणों द्वारा किया जा चूका है लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है और तो और बच्चों को और भी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने बताया इस गांव में आज तक बिजली नही लगी है सौर उर्जा महज एक डेढ़ घंटे चलने के बाद पूरी रात अंधेरे में जीवन यापन करने पड़ रहा है। स्कूली छात्र छात्राओं को भी भारी परेशानी हो रही है। शोभा स्थित आश्रम छात्रावासों का भी जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने निरीक्षण किया छात्र छात्राओं की समस्याओं को सूना। क्षेत्र के दौरा के पश्चात पत्रकारों को श्रीमती नेताम ने बताया कि आज भी राजापड़ाव गौरगांव क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए तीन माह बितने को है लेकिन बदहाल शिक्षा व्यवस्था की यह स्थिति है कि अभी तक मैनपुर विकासखण्ड के अधिकांश स्कूलों में पूरी निशुल्क पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाई है। जबकि शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले पुस्तक पहुंचा देने का दावा किया जा रहा था जब आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को पढ़ने के लिए पुस्तक ही नही मिलेगा तो उनका भविष्य कैसा सुनहरा होगा जबकि पिछले तीन माह में त्रैमासिक परीक्षा अंकलन का समय आ गया है। और अब तक पूरी पुस्तक का वितरण नही किया गया है आधे अधूरे किताबों से स्कूलो में पढ़ाई चल रही है। इस आदिवासी क्षेत्र में आश्रम छात्रावास एवं स्कूलों के बदहाल व्यवस्था में यदि जल्द सुधार नही किया गया तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा।