भालू के शावक को कुत्तों ने दौड़ाया, ग्रामीण ने कुत्तों से भालू के बच्चे की जान बचाई, और दी वन विभाग को जानकारी
- वन विभाग द्वारा भालू के दो शावक को जंगल सफारी सुरक्षित पहुंचाया गया
- मामला उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के तौरेंगा वन परिक्षेत्र ग्राम छिन्दभर्री का
- रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र तौरेंगा अंतर्गत ग्राम छिन्दभर्री जंगल में लगभग पांच दिन पूर्व ग्रामीण जगतराम गोंड गांव के पास ही जंगल में सूखी लकडी एकत्र करने गया हुआ था कि उन्हे कुत्तो की भौकने की आवाज आई कुत्तों की भौंकने से ग्रामीण जगतराम जब नजदीक जाकर देखा तो जंगली भालू के दो शावक को आवारों कुत्तों की झुण्ड के द्वारा दौडाया जा रहा था। तब ग्रामीण ने अपने जान को जोखिम में डालकर कुत्तों को वंहा से भगाया और भालू के दो शावक को सुरक्षित रखने के लिए उसे अपने खेत में बने झोपडी में लाकर रखा साथ ही इसकी जानकारी उनके द्वारा वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को दिया।
वन विभाग के कर्मचारियों ने इसकी जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर को दिया वन परिक्षेत्र अधिकारी ने अपने टीम के साथ 06 जनवरी को ग्रामीण जगतराम से पिता ईंदर जाति गोंड उम्र 52 वर्ष से मिली जानकारी के अनुसार उनके पास पहुचकर दो भालू के मादा शावक मैनपुर लाया गया। जंहा वन्य जीव पशु चिकित्सक के विशेष निगरानी मेें रखा गया डाॅक्टरी परिक्षण उपरान्त वन्य जीव पशु चिकित्सक द्वारा उक्त भालू के बच्चो को जंगल में छोडने हेतु अनफीट होने का प्रतिवेदन दिया गया।
07 जनवरी को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन गरियाबंद के आदेशानुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा मिलन राम वर्मा के द्वारा वन्य जीव पशुचिकित्सक के निगरानी में रखते हुये जंगल सफारी रायपुर में भालू के बच्चे को सिफ्ट किया गया। उपरोक्तोनुसार विभागीय कार्यवाही में मिलन राम वर्मा परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा, योगेश कुमार रात्रे परिक्षेत्र अधिकारी इंदगांव, हेमसिंह ठाकुर वनपाल एवं एन्टी पोचिंग टीम उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद का सहयोग प्राप्त हुआ।
कुत्तों से शावक की जान बचाने वाले ग्रामीण जगतराम को मिलना चाहिए सम्मान
आज उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के भीतर जंगल क्षेत्रो में तेजी से जंगलो की अवैध कटाई के साथ वन्य प्राणियों के खाल व लकडियों की अवैध तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में छिन्दभर्री के एक ग्रामीण द्वारा अवारा कुत्तो से अपनी जान को जोखिम में डालकर दो मादा भालू के शावक का जान बचाना और उसे अपने झोपडी में सुरक्षित रखना रातभर जागकर मादा शावक की देखरेख करना एक सराहनीय कार्य है। ऐसे ग्रामीण जगतराम को वन विभाग के द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए। पुरस्कार दिया जाना चाहिए जिससे लोग वन्य प्राणियों और वनो की सुरक्षा के लिए आगे आए।