गांव गांव चूड़ी बेचकर दो बार सरपंच का सफर तय किया दुलिया बाई ध्रुव ने
- सरंपच बनने के बाद भी 10 से 15 किलोमीटर प्रतिदिन पैदल चल चूड़ी बेचने जाती है दुलिया
- शेख हसन खान, मैनपुर
गरियाबंद। एक महिला अगर ठान ले कि उसे आगे जाकर सफलता कें झंडे गाड़ने है तो वह बडे से बडे कार्य करती है, हम एक ऐसी महिला की जज्बे को सलाम करते है जिन्होने बचपना से गरीबी देखी है। होश संभालते ही घर की जिम्मेदारी पुरा करने के लिए गांव गांव पहुचकर कांच की चूडिया बेचकर दो बार सरंपच का सफर तय किया है। आज हमारे संवाददाता ने मैनपुर से लगे ग्राम पंचायत हरदीभाठा के सरपंच श्रीमती दुलिया बाई ध्रुव से मुलाकात किया जो लगातार दो बार ग्राम पंचायत हरदीभाठा में सरपंच का चुनाव जीतकर गांव में विकास के कार्य करवा रहे हैं। अपने पिछले कार्यकाल में कराऐ विकास कार्य के दम पर फिर एक बार ग्राम पंचायत हरदीभाठा के मतदाताओं ने उन्हे दुसरी बार गांव की बागडोर सौंपा है लेकिन आज भी दो बार लगातार सरपंच बनने के बावजूद दुलिया बाई ध्रुव महिलाओं के लिए एक मिसाल के रूप में देखी जाती है क्योंकि दुलिया बाई धु्रव महज 15 वर्ष की उम्र से गांव गांव पैदल घुमघुमकर चूड़ी बेचने का कार्य करती है। और मैनपुर साप्ताहिक बाजार में सोमवार के दिन छोटे से चूडी की पसरा दुकान खोलकर ग्रामीण महिलाओं को चूड़ियां पहनाती है और उससे मिलने वाले आय से जीवीकाउपार्जन करती है। सरपंच बनने के बाद भी दुलिया बाई के जीवन स्तर में कोई खास बदलाव देखने को नही मिला जंहा एक ओर पंचायत कार्यालय में सरपंच की कुर्सी में बैठकर गांव के विकास कार्यो को अंजाम दे रही है वही दुसरी ओर आज भी सप्ताह में चार दिन 10 से 15 किलोमीटर पैदल गांव गांव पहुचकर चूडिया बेचने की काम करती है।
इस चकाचौंध दौर में जंहा एक ओर लोगो को कोई भी पद मिल जाने पर वह उस पद को बडे बडे अक्षरों में जहां अपने वाहनों के आगे पीछे बडे बडे बोर्ड लगाकर अपने पदों की धौस दिखाने में कमी नहीं करते और पद मिल जाने के कई लोग पद के सहारे बडे बडे लाभ लेते है लेकिन दुसरी ओर दुलिया बाई ध्रुव एक ऐसे सरपंच है जो लगातार दो बार सरपंच बनने के बाद भी अपने पुराने पराम्परिक व्यवसाय चूड़ी बेचने के कार्य को नहीं भुली।
- कक्षा पांचवीं तक शिक्षा हासिल की है
दुलिया बाई ध्रुव सरपंच हरदीभाठा ने हरिभूमि को बताया कि वे पांचवी तक शिक्षा हासिल की है। परिवार बहुत गरीब होने के कारण उसके मां घर घर जाकर चूडिया पहनाती थी उन्ही के द्वारा उन्हे पुस्तैनी रूप से चूडी पहनाने का यह व्यवसाय मिला है और वे महज 15 वर्ष की उम्र से गांव गांव में चूडी पहना रही है। मैनपुर से 15 किलोमीटर दुर तक के लगभग 35 ग्रामों में ग्रामीण महिलाओ कों चूड़ी पहनाने की काम करती है।
- लोग कहते हैं सरपंच बन गए अब तो चूड़ी मत पहनाया करो मुस्कुराकर बात को टाल देती है
ग्राम पंचायत हरदीभाठा के सरपंच दुलिया बाई ध्रुव ने बताया कि कई लोग उन्हे कहते हैं ।अब लगातार दो बार सरंपच बन चुके हो चूडी पहनाने का व्यवसाय को बंद करों जिस पर दुलिया सभी को एक ही जवाब देती है। यह मेरे पुस्तैनी व्यवसाय है इसी के सहारे मेरा जीवीकाउपार्जन होता है और वे सरपंच बनने के बाद चूडी पहनाने का कार्य बंद नहीं कर सकती क्योंकि यह उनकी रोजी रोटी का सवाल हैं।
- ग्राम पंचायत हरदीभाठा की जनसंख्या लगभग 1200 के आसपास
ग्राम पंचायत हरदीभाठा तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगे ग्राम पंचायत है और यहा की मतदाता लगभग 1200 के आसपास है और इस गांव को ओडीएफ घोषित किया गया है। पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में सरपंच के द्वारा कई सी सी रोड, नाली निर्माण, तालाब खनन् व अनेक विकास कार्य कराए गए है ।
- गांव के सफाई व्यवस्था के लिए स्वयं झाड़ू लगाती नजर आती है
ग्राम पंचायत हल्दीभाटा की महिला सरपंच दुलिया बाई ध्रुव कई बार गांव के गलियों और तालाब में साफ सफाई करते स्वयं झाड़ू लगाते नजर भी आते हैं उन्होंने बताया गांव को स्वच्छ रखना पंचायत की जिम्मेदारी है हमारे गांव में साफ सफाई करने वालों कर्मचारियों की कमी है इसलिए स्वयं जब भी समय मिलती है। गांव की गलियों में साफ सफाई करने निकल पड़ती है। उन्होंने बताया पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने उन्हें रायपुर में बुलाकर उनका सम्मान किया था।