आर्थिक सामाजिक न्याय कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है : भावसिंह साहू
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- अपनी नाकामी पर पर्दा डालने दुर्भावनापूर्वक आंकड़े छुपा रही है मोदी सरकार, भाजपाई बताएं आम जनगणना क्यों रोका गया है
मैनपुर। छत्तीसगढ़ में प्रदेशव्यापी सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का स्वागत करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद के अध्यक्ष भावसिंह साहू ने कहा है कि सामाजिक न्याय कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है। देश में हर 10 वर्ष के अंतराल में आम जनगणना की व्यवस्था रही है, लेकिन मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जो अपनी नाकामी पर पर्दा डालने इरादतन, षडयंत्र पूर्वक आंकड़े छुपाने का काम कर रही है। और इसी के चलते राष्ट्रीय जनगणना की अपनी जिम्मेदारियों से केंद्र की मोदी सरकार भाग रही है। केवल जनगणना ही नहीं एनएसएसओ सहित तमाम केंद्रीय एजेंसियां विगत 9 वर्षों से मोदी सरकार के कुशासन पर पर्दा डालने, केंद्र सरकार के दबाव में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, असमानता, वर्तमान आर्थिक नीतियों की जमीनी हकीकत और वास्तविक स्थिति को लेकर तमाम आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है, उज्जवला योजना और शौचालय भी केवल सरकारी आंकड़ों में दर्ज है। उज्ज्वला योजना के हितग्राहीयों में से 90 प्रतिशत रिफिल कराने में अक्षम हैं। पीएम आवास के मामले में भी भाजपा का दावा पूरी तरह से झूठा निकला।
जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू ने कहा है कि विगत 6 मार्च 2023 को बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में आर्थिक सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 की घोषणा की थी, 25 मार्च को पोर्टल लांच हुआ, 28 मार्च से सर्वेक्षण दल, सुपरवाइजर और प्रगणकों की ट्रेनिंग शुरू हुई और आज 1 अप्रैल को सर्वेक्षण का काम विधिवत शुरू हो गया है। प्रत्येक जिला कलेक्टरों को अपने अपने जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है 146 ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। 30 अप्रैल तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सर्वे कार्य के लिए एक प्रगणक दल का गठन किया गया है।
श्री साहू ने कहा है कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार है जिसके अधीन केंद्र की सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी और भूमिका भूल चुका है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार है जिन्होंने आर्थिक-सामाजिक न्याय के लिए तत्परता दिखाते हुए समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर इसकी शुरुआत की है। आवास, रसोई गैस, शौचालय सहित सरकार के अन्य योजनाओं में भी अब पात्र हितग्राहियों को लाभ मिल सकेगा। ऐसे हितग्राही जो अब तक केवल सर्वे सूची में नाम दर्ज नहीं होने के कारण वंचित थे उन्हें पात्रतानुसार शासन की सभी जनकल्याणकारी का लाभ मिलेगा।