शिक्षा विकास का मूल आधार व राजनीति अधिकार प्राप्ति का माध्यम है- लौटनराम निषाद
1 min read- “भाजपा लोकतंत्र, संविधान व सामाजिक न्याय को निष्प्रभावी करने का कर रही षडयंत्र”
जौनपुर,22 मार्च,2021।जफराबाद विधानसभा क्षेत्र के आनापुर चौराहा,जमुआई ,मोहिउद्दीनपुर, चकवां एवं समाजवादी कुटिया में चौपाल व जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें पिछड़े-दलित-वंचित वर्ग के अंदर वर्गीय भावना को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया गया।बतौर मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने चौपालों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण वर्ण को अपशब्द कहने से कोई समाज तरक्की नहीं कर सकता।समाज को उन्नति व विकास के पथ पर ले जाने के लिए ब्राह्मण वर्ग की अच्छाइयों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।उन्होंने निषाद बिन्द समाज का आह्वान करते हुए कहा कि यादव व चमार भाइयों की प्रगति से ईर्ष्या-द्वेष नहीं बल्कि उनसे प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है।”जो पढ़ेगा वही बढ़ेगा”,यही विकास का मूल है।जिस समाज ने शिक्षा को अपनाया वह तरक्की कर गया,पर अपना निषादवंशीय समाज मेहनत की कमाई को फिजूलखर्ची में खर्च करने व शिक्षा से विरक्त रहने के कारण निषाद सहित अतिपिछड़ी जातियाँ तरक्की में पिछड़ गयीं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल आधार व राजनीति अधिकार प्राप्ति का माध्यम है।उन्होंने कहा कि दुर्गा की पूजा से बल,लक्ष्मी की पूजा से धन व सरस्वती की पूजा स ज्ञान मिलता तो सबसे अधिक बलवान,धनवान व विद्वान अतिपिछड़े व अतिदलित होते। निषाद ने कहा कि मण्डल कमीशन विरोधी भाजपा किसी भी सूरतेहाल पिछडों की हितैषी नहीं हो सकती।कमण्डल राजनीति मण्डल के विरोध की ही उपज है।
भाजपा सरकार संघ के इशारे संविधान, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय व आरक्षण को निष्प्रभावी करने के षड़यंत्र में जुटी है।वोट की राजनीति के लिए भाजपा निषाद, केवट,बिन्द, मौर्य,कुशवाहा, पटेल,विश्वकर्मा, प्रजापति,चौहान, राजभर,साहू,भुर्जी,लोधी,पासी,खटीक,पासवान,वाल्मीकि,कोल,मुसहर,धोबी,नाई, बारी,चौरसिया आदि को हिन्दू बताती है,पर जब हिस्सेदारी,आरक्षण, सामाजिक न्याय की मांग उठाई जाती है,तो इन्हें शूद्र समझती है।”जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी हिस्सेदारी” की वकालत करते हुए निषाद ने संविधान के अनुच्छेद-15(4),16(4),16(4-1) के अनुसार ओबीसी,एससी, एसटी को कार्यपालिका, विधायिका,न्यायपालिका व निजी क्षेत्रों में समानुपातिक आरक्षण कोटा की मांग की।उन्होंने सेन्सस-2021 में जातिवार जनगणना कराने की मांग की।उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम खत्म कर राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग के माध्यम से उच्च न्यायपालिका(उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय) के न्यायाधीशों का चयन करने पर बल दिया।कहा,कॉलेजियम से तुच्छ जातिवाद,परिवारवाद व भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलता है।जिससे न्यायपालिका की निष्पक्षता प्रभावित होती है।
समाजवादी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामकेश बिन्द ने भाजपा सरकार पर निषाद समाज के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।कहा,श्रीराम-निषादराज की मित्रता का हवाला दे निषादवंशियों का वोट लेने वाली भाजपा ने निषादराज जयंती के लिए अखिलेश यादव की सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक अवकाश को खत्म कर दिया।निषाद मछुआ समुदाय की मल्लाह,केवट, बिन्द, कश्यप,मांझी,मल्लाह आदि जातियों को एससी का दर्जा दिलाने का वादा करने वाली डबल इंजन की भाजपा सरकार ने सपा सरकारों द्वारा अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को रद्द कर निषाद समाज सहित 17 अतिपिछड़ी जातियों के साथ विश्वासघात व वादाखिलाफी किया।
चौपालों को समाजवादी कुटिया संचालक ऋषि यादव,जवाहरलाल निषाद,लक्ष्मीशंकर यादव,संदीप बिन्द,अनिल निषाद,ओमप्रकाश बिन्द, जियालाल बिन्द, सुभाष निषाद, राजेश बिन्द,मदभारत बिन्द, रामू राजभर,अरबिंद प्रजापति,गायत्री निषाद आदि ने भी सम्बोधित किया।