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October 16, 2024

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छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 21 वर्षों बाद भी ग्राम कोदोमाली के सैकड़ों आदिवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

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  • अलग खबर… कोदोमाली, साहेबिनकछार से लौटकर शेख हसन खान
  • 20 वर्षों से अब तक इस गांव में न तो विधायक पहुंचे और न ही सांसद और न ही आला अधिकारी

मैनपुर – गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनांचल में बसे ग्राम कोदोमाली के ग्रामीण आजादी के 75 वर्षो लंबा समय बीत जाने के बाद भी मूलभूत सडक, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली जैसे समस्याआें के लिए तरस रहे हैं,्र्््र्र््् और छत्तीसगढ राज्य के निर्माण के 21 वर्षो के भीतर आज तक किसी भी पार्टी के विधायक, सांसद और तो और आला अधिकारी भी इस गांव में नही पहुचे है। ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के आश्रित ग्राम कोदोमाली की जनसंख्या लगभग 930 के आसपास है और यहा कुल मतदाता की संख्या 446 है, यहा के आदिवासी पिछडी विशेष जनजाति कमार भुंजिया लगभग 10 किलोमीटर चलकर हर पांच साल में सासंद और विधायक को वोट देने साहेबिनकछार तक पहुंचते है इनके कीमती वोट से सांसद और विधायक बनने के बाद इनके चुने हुए जनप्रतिनिधि इन्हे भुल जाते हैं। इस बात की मलाल इस गांव के लोगो में देखने को मिलती है।जब हम ग्राम कोदोमाली का जायजा लेने पहुंचे मैनपुर देवभोग नेशनल हाईवे मार्ग मे मैनपुर से 28 किलोमीटर दुर बम्हनीझोला और बम्हनीझोला से लगभग 22 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के आश्रित ग्राम कोदोमाली है। इस गांव तक पहुचने के लिए लगभग 14 से 15 छोटे बडे नदी नालो को पार किया जाता है, कुछ छोटे नदी नालो में रपटा का निर्माण किया गया है, लेकिन बडे नदी उदंती नदी, भैसाझरी, जबीर नदी में आज तक रपटा और पुल निर्माण नही होने के कारण ग्राम कोदोमाली सहित लगभग एक दर्जन ग्राम पुरा बारिश के चार माह मुख्यालय से कट जाता है।

ग्राम कोदोमाली पूर्णतः आदिवासी बाहूल्य गांव है, गांव मे मूलभूत सुविधाए दुर दुर तक दिखाई नही दे रही है, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के उत्थान के लिए ढींढोरा पीटा जाता है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है। केन्द्र और राज्य सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए अनेक योजनाए चला रही है, लेकिन यह योजना ग्राम कोदोमाली पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि 446 मतदाता वाले इतने बडे गांव में मात्र 06 हैंडपम्प है जिसमें से तीन हैंडपम्प पुरी तरह खराब हो गया है, और जो हैंडपम्प सही है उसका पानी लाल आयरन युक्त निकलने के कारण इस पानी का उपयोग ग्रामीण नहाने व निस्तार के लिए करते है। आज भी गांव की आधी आबादी झरिया का पानी पीने मजबूर हो रहे है और तो और इस गांव में पानी का टंकी लगाया गया है, जिसका लाभ ग्रामीणाें को अच्छा पानी के रूप में मिलता है लेकिन वह टंकी डेमेज हो गया है, जो सौर उर्जा से चलता है। इसलिए टंकी में पानी भरते ही पुरा पानी गिर जाता है, और इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव के लोगो ने सौर उर्जा से संचालित होने वाले पानी टंकी लगाने की मांग कई बार कर चुके है।

ग्राम साहेबिनकछार के सरपंच कैलाश नेताम एंव ग्राम कोदोमाली के पंच तिलकराम, मोहन मरकाम, गुडी मांझी, ललित ओंटी, रवि नेताम ने बताया कि छत्तीसगढ राज्य निर्माण के 21 वर्षो बाद भी आज तक कोई भी कांग्रेस और भाजपा के सांसद विधायक इस गांव में नहीं पहुंचे है, और तो और कोई भी आला अधिकारी आज तक इस गांव में नहीं आये है, जबकि ग्राम पंचायत साहेबिनकछार आने के लिए कई बार विधायक और सांसद को निमंत्रण दे चुके है। ग्रामीणाें का कहना है कि जब तक सांसद विधायक बडे़ अधिकारी हमारे गांव मे नही पहुचेंगे तब तक इस गांव की समस्या का समाधान नहीं होगा जंहा बडे अधिकारी ,अफसर सांसद विधायक यहा के समस्याआें को देखेंगे तभी तो समस्याआें का समाधान होगा। ग्राम बम्हनीझोला से साहेबिनकछार और साहेबिनकछार से आठ किलोमीटर कोदोमाली तक कच्चा दलदल युक्त सडक की स्थिति बेहद खराब है यह 24 किलोमीटर की दुरी तय करने में बारिश के इन दिनो में लगभग 2-3 घंटा मोटर सायकल में लग जाता है और तो और कीचड और दलदल के चलते वाहन के चक्का फिसलने से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। ग्रामिणों ने बताया कि कई बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया जा चुका है लेकिन टाईगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण यह पक्की सडक का निर्माण नही किया जा रहा है, जबकि कोदोमाली गांव टाईगर रिजर्व के बफर जोन ऐरिया के अंतर्गत आता है और यदि शासन चाहे तो गरीबा ,भुतबेडा के तरफ से यहा तक पक्की सडक का निर्माण आसानी से किया जा सकता है, यहा के ग्रामीणाें को राशन के लिए 08 किलोमीटर साहेबिनकछार आना पडता है, लेकिन बारिश के सीजन में ग्रामीणों के परेशानी को देखते हुए सरपंच कैलाश नेताम ने इस गांव में बारिश के पूर्व ही चार माह का राशन टैक्टर के माध्यम से भेजवा दिया था, जिसके कारण उन्हे राशन के लिए परेशानी नही हो रही है, लेकिन गांव के लोग मूलभूत बुनियादी समस्याआें से जुझ रहे है।

सौर उर्जा सिस्टम फेल नही लगी बिजली

आजादी के 75 वर्षो बाद भी ग्राम कोदोमाली में अब तक बिजली नही लग पाई है और तो और गांव मे सौर उर्जा से संचालित होने वाले प्लेट लगाये गये है लेकिन इसकी बैटरी खराब होने के कारण शाम 06 बजे से रात 08 बजे तक ही चल पाती है, उसके बाद पुरी रात ग्रामीणाें को अंधेरे में गुजारना पड़ता है। एक माह पहले सौर उर्जा प्लेट सिस्टम की बैटरी में काम चलाऊ मरम्मत क्रेडा विभाग द्वारा किया गया था उसके बाद विभाग ने कभी मुड कर नहीं देखा, जिसके कारण यह गांव के लोग अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हो रहे है, बारिश के इन दिनो में सर्प, बिच्छु, जहरीले कीडे मकोडे का डर बना रहता है।

स्कूल भवन जर्जर शिक्षक भी नही

शासन द्वारा ग्राम कोदोमाली में प्राथमिक व मिडिल स्कूल संचालित किया जा रहा है, लेकिन मिडिल स्कूल भवन एकदम जर्जर हो गई है, जिसके कारण मिडिल स्कूल और प्राथमिक स्कूल एक साथ संचालित किया जा रहा है। और मात्र एक एक शिक्षक दोनो मिडिल और प्राथमिक स्कूल में है, शिक्षको को शासकीय कार्य या निजी कार्यो से अपने घर जाने से स्कूल में ताला लग जाता है और तो और लगभग 35 किलोमीटर तक आसपास हाईस्कूल नही होने के कारण 08 वी के बाद यहा के आदिवासी बच्चे पढाई छोडने मजबूर हो जाते है। कई बार साहेबिनकछार में हाई स्कूल खोलने की मांग किया जा चुका है, लेकिन अब तक हाई स्कूल नहीं खुल पाया।

स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं

ग्राम कोदोमाली एंव साहेबिनकछार क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा की हालत बेहद खराब है यहा बारिश के दिनो में अचानक बीमार पडने या कोई घटना दुर्घटना की स्थिति में ग्रामीणाें को भारी तकलीफो का सामना करना पड़ता है। दर्जन भर नदी नाला को मिलो पैदल पार कर उन्हे नेशनल हाईवे तक लाना पडता है, तब कही जाकर वाहन की सुविधा मिल पाती है। कई बार तो समय पर ईलाज नही मिलने से स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाने से ग्रामीणाें को अकाल मृत्यू का सामना भी करना पड़ता है।

वनोपज संग्रहण पर प्रतिबंधन लगने से ग्रामीण परेशान

ग्राम कोदोमाली की महिलाए सुखबती मरकाम, रामेश्वरी मरकाम, देवकी नेताम, रमीन बाई ने बताया कि यह टाईगर रिजर्व क्षेत्र नही है लेकिन ग्राम पंचायत साहेबिनकछार टाईगर रिजर्व के कोर एरिया में आता है इसलिए यहा पर वनोपज की संहग्रण नही कर पाते क्योंकि वनोपज संग्रहण करने के बाद उसे समर्थन मूल्य में बेचने में दिक्कत होती है जबकि जंगल के भीतर निवास करने वाले मूलनिवासियों का प्रमुख जीविकाउपार्जन वनोपज से होता है लेकिन उन्हे वनोपज का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। खेती किसानी की स्थिति खराब है। इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने पर कई किसानो ने खेतो में रोपाई भी नही किये हैं। कई एकड खेत रोपाई के लिए बाकी है किसान भारी चिंतित है। एक तरफ सरकार वनोपज संग्रहण नही करने देती, दुसरी ओर समय पर बारिश नही होने से खेत खाली छोड दिये है आखिर किसान करे तो करे क्या ।

सन् 1999 में विधायक ओंकार शाह पहुंचे थे कोदोमाली

ग्राम साहेबिनकछार के सरपंच कैलाश नेताम , तिलक राम व ग्रामीणो ने बताया कि छत्तीसगढ राज्य निर्माण के बाद अब तक अब तक कोई भी विधायक और सांसद साहेबिनकछार और कोदोमाली नही पहुंचे है। छत्तीसगढ राज्य निर्माण के पूर्व लगभग 22 वर्ष पहले सन् 1999 में कांग्रेस के पूर्व विधायक ओंकार शाह ग्राम कोदोमाली पहुचे थे, और गांव में बैठकर रखकर ग्रामीणाें की समस्या को सुने थे। पूर्व विधायक ओंकार शाह के पहुचने के बाद साहेबिनकछार से कोदोमाली तक पगडंडी सडक को कच्ची सडक में तब्दील किया गया और मुरम सडक का निर्माण किया गया, लेकिन अब मुरम लगातार बारिश से धुल और यह सडक कीचड और दलदल में तब्दील हो गया, गांव के ग्रामीणो ने बताया कि आखिरी बार पूर्व कांग्रेस के विधायक ओंकार शाह को ही इस गांव में देखे है, उसके बाद से कोई विधायक, सांसद और बडे अधिकारी नहीं पहुंचे है।

क्या कहते है सरपंच
ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के सरपंच कैलाश नेताम ने चर्चा में बताया कि नेशनल हाईवे मैनपुर देवभोग मुख्य मार्ग बम्हनीझोला से लगभग 24 किलोमीटर दुर कोदोमाली ग्राम और साहेबिनकछार में छत्तीसगढ राज्य निर्माण के बाद से कोई भी सांसद विधायक नही पहुंचे है। कई बार विधायक सासंद को साहेबिनकछार कोदोमाली तक आने का निमंत्रण दिये है क्योंकि जब तक सांसद विधायक इस गांव में नही पहुचेंगे तब तक इस क्षेत्र के समस्या का समाधान नही होगा, उन्होने बताया कि कोदोमाली में कुल मतदाता 450 के आसपास है जो हर लोकसभा और विधानसभ चुनाव में मतदान करते है। सरपंच श्री कैलाश नेताम ने बताया कि ग्राम पंचायत साहेबिनकछार व आश्रित ग्राम कोदोमाली तक पक्की सडक, पुल पुलिया स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल उपस्वास्थ्य केन्द्र, बिजली, लगाने की मांग को लेकर वे पिछले दो वर्षो के भीतर दो दर्जन से ज्यादा आवेदन दे चुके है अब तक समस्या का कोई समाधान नही हुआ है। श्री नेताम ने बताया कि इस क्षेत्र के मुलभूत समस्याआें का शासन स्तर पर समाधान कर लोगो को सुविधा उपलब्ध कराया जाना चाहिए ।

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