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November 20, 2024

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किसान का फसल बर्बाद सरकार मौन – देवजी भाई पटेल

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  • रायपुर

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने बताया कि अच्छी बारिश अच्छी फसल का बाट जोहते किसान अब हताश हो गए हैं । बेमौसम बारिश से पूरे प्रदेश के धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर है ,किसानों के अर्ली वैरायटी ( हरुणा ) धान जिसने बाली आ गई थी, अब वह अति बारिश से धान झुककर खराब हो गए हैं। किसान हतोत्साहित और चिंतित हैं, कांग्रेस की न्याय योजना की ढिंढोरा पीटने वाले अब मौन और खामोश हैं। ना तो किसानों की दुर्दशा का ध्यान है ना किसानों की भविष्य का।

जिला प्रशासन जानबूझकर अपनी आंख कान बंद करके बैठा है

समय रहते अगर मुआवजा का आकलन यदि नहीं हुआ तो किसान बेबस मारे जाएंगे, सरकार के मंत्री मौन है और प्रशासन लाचार हो गया है। विगत वर्ष के धान के बकाया राशि का भुगतान भी अब तक नहीं किया। राजीव गांधी न्याय योजना किसानों के लिए अन्याय योजना साबित हुई है। फसल की दुर्दशा देख दुर्ग के मतरोडिही के किसान ने आत्महत्या कर ली, जिम्मेदार कौन है? आर्थिक तंगी और फसल बर्बाद होने से पूरे प्रदेश के किसान चिंतित हैं। अगर कांग्रेस सरकार की नियत और नियति साफ है तो किसानों के हितों की सुरक्षा में सामने आए, धान के बकाया राशि का तत्काल भुगतान करें, बेमौसम बारिश के चलते खड़ी फसल की खाने की मुआवजा तत्काल भुगतान करने का आदेश देंl

सच तो यह है कि कांग्रेस के शासन में खरीफ वर्ष 2020 में प्रदेश के किसान लगातार धोखा की शिकार हुए, नकली खाद, नकली बीज से नुकसान तो उठाया ही, 10,000 प्रति एकड़ अनुदान राशि दिए जाने की घोषणा केवल कागजी साबित हुई, किसी भी किसान को मुआवजा राशि दी ही नहीं गई प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार को किसानों के बारे में सोचने का समय नहीं हैl

कोरोणा का हौवा बनाकर सारे प्रशासन तंत्र को किसानों से दूर रखा गया, किसान अपने ही पैसे के लिए सरकार का मुंह ताक रहे है। अब भी समय है किसान के हितैषी है तो तत्काल धान का बकाया राशि का भुगतान करे , फसल नुकसान का मुआवजा दे, ताकि प्रदेश के किसान आर्थिक तंगी के मार से फसल चौपट की स्थिति में आत्महत्या को मजबूर ना हो।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री केवल मीडिया में किसान हितों की कागजी बाते करना बन्द करे , धान खरीदी का समय भी 1 दिसम्बर से करना किसानों साथ धोखा है, यही कांग्रेसी भाजपा सरकार के समय बड़े त्यौहारों के पूर्व खरीदी कि बात करते थे । आज जब से कांग्रेस सत्ता में आई है , किसानों को कभी मेड़ के नाम पर तो कभी गिरदारी करवाकर 10 डिसमिल प्रति एकड़ कम करने, धान खरीदी विलंब करना, धान का बकाया राशि , दूसरी फसल न करना जैसे तुगलकी फरमान से किसान बेबस और लाचार है ।

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