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December 25, 2024

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नौ फरवरी को एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने वाला है जो सामान्यतः देखने में …

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February 9 is going to be a very rare coincidence which is not seen in general.

February 9 is going to be a very rare coincidence which is not seen in general.

नौ फरवरी को एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने वाला है जो सामान्यतः देखने में नहीं आता। वर्तमान ग्रहस्थितियों के अनुसार मकर राशि में शनि और बृहस्पति का संचार लम्बे समय से चल रहा है। बीते माह सूर्य और शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होने से मकर राशि में चतुर्ग्रही योग बना हुई हुआ है। पांच फरवरी को वक्री बुध का भी इसमें प्रवेश हो गया। इसके बाद नौ फरवरी की रात आठ बजकर 31 मिन्ट पर चन्द्रमां भी मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इससे मकर राशि में एकसाथ छह ग्रह शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध एवं चन्द्रमा मौजूद रहेंगे। इससे मकर राशि में षड्ग्रह योग बनेगा जो ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत दुर्लभ संयोग है और अनेक वर्षों में एकबार बनता है। इसके अच्छे-बुरे दोनों तरह के परिणाम होते हैं। इस बार ये षड्ग्रह योग नौ फरवरी की रात 8:31 से शुरु होकर 11 फरवरी की पूरी रात तक उपस्थित रहेगा।

यह होंगे इसके परिणाम
मकर राशि में बनने वाले इस षड्ग्रह योग में शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध और चन्द्रमा ये छह ग्रह एकसाथ होंगे। इसके मिश्रित परिणाम मिलेंगे जिसमें कुछ चीजें बहुत शुभ होंगी तो कुछ तनावपूर्ण स्थितियां भी सामने आएंगी। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा, सूर्य-बृहस्पति से जीवात्मा योग, बृहस्पति-चन्द्रमा से गजकेसरी योग और शुक्र-चन्द्रमा से लक्ष्मी योग बनेंगे। ये सभी शुभ योग हैं। शनि-चन्द्रमा की युति से विष योग, सूर्य-चन्द्रमा से अमावस्या योग बनेगा जो तनाव बढ़ाने वाले योग हैं, लेकिन इस पूरे षड्ग्रह योग में सबसे अच्छी बात ये है के चारों शुभ ग्रह (बृहस्पति, शुक्र, बुध, चन्द्रमा) एकसाथ आ गए हैं। ये षड्ग्रह योग सामाजिक, राजनैतिक और प्राकृतिक उठापटक तो कराएंगे, लेकिन अधिकांश परिणाम शुभ होंगे।

अच्छी बात: कालपुरुष की कुंडली को आधार बनाकर देखें तो मकर राशि में इन छह ग्रहों का एकसाथ होना राजयोग निर्मित करता है। इस योग का बनना उन्नति एवं समृद्धि दिखाता है। यानी बीते वर्ष कोरोना और लॉकडाऊन से जो रोजगार एवं आर्थिक समस्याएं बढ़ी थी वे सभी इस वर्ष खत्म हो जाएंगी। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए रोजगारों के साथ आर्थिक उन्नति होगी। शनि की राशि में इतने ग्रहों का एकसाथ योग नई तकनीक सामने लाएगा एवं तनकीकी क्षेत्र में सफलता देगा। इस योग में सूर्य, बृहस्पति और शनि एकसाथ है, ऐसे में इस वर्ष देश आगे बढ़ेगा। भारत की पुरातन वैदिक संस्कृति सामने आएगी। भारत की कुंडली के अनुसार इस षड्ग्रह योग में ख़ास बात यह भी हैकि यह भारत की कुंडली के पराक्रम भाव को सीधी दृष्टि से देखेगा। ऐसे में आने वाले समय में भारत का पराक्रम और सैन्यबल और अधिक सशक्त होगा।

नकारात्मक बात: इस षड्ग्रह योग में शनि, सूर्य और चन्द्रमा एकसाथ होना ज्योतिषीय दृष्टि से नकारात्मक योग भी बनाता है। ऐसे में नौ फरवरी की रात इस योग के बनने के बाद कुछ दिनों के अंदर अधिकांश लोगों में मानसिक तनाव, घबराहट और तनाव की समस्या बढ़ेगी। इस स्थिति में जिन लोगों को पहले से तनाव है वे सावधानी रखें। इस महीने राजनैतिक उठापटक की स्थिति भी बन सकती है। सामाजिक स्तर पर भी लोगों में रोष और आपसी तनाव बढ़ सकता है। ये षड्ग्रह योग लगभग दो दिन 10 एवं 11 फरवरी) के लिए ही बनेगा। ऐसे में इन दो दिनों में अपने व्यवहार और मानसिक स्थिति पर बहुत संयम रखें, लेकिन इस योग का प्रभाव आने वाले दिनों में पूरे माह तक ही रहेगा। इस स्थिति में आवेश में आकर और बिना विचार के कोई निर्णय ना लें।

(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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