आदिवासी समाज के विकास और उत्थान के लिए समाज के लोगो को संगठित होना पडे़गा – भारत दीवान
- कोयबा सोरनामाल में नवाखाई मिलन समारोह में पहुंचे आठ ग्रामों से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण
- आदिवासी समाज के महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए सामने आने की जरूरत – लोकेश्वरी नेताम
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किलोमीटर दुर ग्राम कोयबा व सोरनामाल में आज नवाखाई मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भारत दीवान, कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, विशेष अतिथि विशेष पिछडी जनजाति भुंजिया समाज के नेता टीकम नागंवशी, पूर्व जनपद अध्यक्ष पुस्तम कपील व आसपास ग्रामो के सरपंच समाज के वरिष्ठजन शामिल हुए कार्यक्रम का शुभारंभ ईष्टदेव बुढादेव की पुजा अर्चना कर किया गया। इस कार्यक्रम में आसपास 08 ग्रामो के सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज व सर्व समाज के लोग पहुंचे ।
आयोजित नवाखाई मिलन समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि सर्व आदिवासी समाज के गरियाबंद जिला अध्यक्ष भारत दीवान ने कहा कि प्रतिवर्ष आदिवासी समाज द्वारा नवाखाई पर्व धुमधाम के साथ मनाया जाता है और यह हमार परम्परा है और नवाखाई पर्व के बाद मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है। इस तरह के सामाजिक कार्यक्रम के आयोजन करने से समाज में एकता और भाईचारा बना रहता है। समाज के लोग एक जगह एकत्र होकर समाज के विकास और समाज के उत्थान के बारे में विचार विमर्श करते है। श्री भारत दीवान ने आगे कहा कि आदिवासी समाज के विकास और उत्थान के लिए समाज के लोगों को संगठित होने की जरूरत है।
इस दौरान जिला पंचायत के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज के महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आगे आने की जरूरत है, आदिवासी समाज की अपना अलग परम्परा और संस्कृति है, समाज के लोग काफी सीधे सरल व सज्जन स्वभाव के होते है समाज के बच्चे अच्छा शिक्षा हासिल कर परिवार समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देेगे।
विशेष अतिथि आदिवासी भुंजिया नेताम टीकम नागंवशी ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के युवाओं में काफी उर्जा है, और इस उर्जा का उपयोग समाज के विकास के लिए करना है, समाज के नियमों का पालन करना सभी सामाजिक बंधुओं की जिम्मेदारी है श्री नागवंशी ने कहा कि आज आदिवासी आरक्षण समाप्त करने की साजिश चल रहा है, हमें आरक्षण को बचाने के लिए आंदोलन करने की जरूरत है।
पूर्व जनपद अध्यक्ष पुस्तम कपील ने अपने संबोधन में कहा कि पांचवी अनूसूची पेशा कानून को लागू किया जाना चाहिए। जल जंगल जमीन और आज वन्य प्राणी जो सुरक्षित है। वह आदिवासी समाज की देन है।
इस मौके पर प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भारत दीवान, जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम, आदिवासी भुंजिया नेता टीकम नागवंशी, पूर्व जनपद अध्यक्ष पुस्तम कपील, सर्व आदिवासी युवा प्रभाग सचिव पुरूषोत्तम धु्रव, जान्हवी मांझी, वेदमती मांझी, अमृतलाल नेताम, राजाराम, मधुसिंह, मोतीराम, टेसू नेताम, टेकराम नेताम, बरनू सोरी, राजू सोरी ,फगनुराम , हरिश मांझी, मोतिम जगत, बुधिया बाई, रेवा नेताम, हेमंतीन बाई मांझी, दुलार बाई सोरी, रोहित नेताम, फुलचंद, योगेश्वरी बाई, सुशिला बाई, धरमीन बाई, मिथुला सहित 08 गा्रमो के सैकडों की संख्या में आदिवासी व सर्व समाज के लोग उपस्थित थे ।