गरियाबंद जिला बना दुर्लभ वन्य प्राणी पेंगोलियन का शिकारगढ़, विधानसभा में उठाया जायेगा मुद्दा
- पुलिस प्रशासन और वन विभाग ने गरियाबंद, उंदती, सीतानदी क्षेत्र के जंगलों से लगातार पेंगोलियन तस्करी के कई मामले दर्ज किये हैं
- शेख हसन खान
मैनपुर – गरियाबंद जिले के जंगल के साथ उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में वन्य प्राणी व घने जंगल सुरक्षित नहीं है। लगातार जंगलों के भीतर ओडिसा क्षेत्र के लोग अवैध कब्जा कर कई स्थानों पर बड़े पैमाने में कीमती वृक्षों को काटकर अपना आशियाना बना चुका है। जंगल में अवैध अतिक्रमण के मामले में लगातार वन प्रशासन द्वारा कार्यवाही किया जा रहा है और तो और डेढ वर्ष पहले इस क्षेत्र के बीहड जंगल उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध कटाई के मामले जब वनमंत्री मोहम्मद अकबर तक पहुंचे थे तो राज्य स्तरीय जांच टीम ने उदंती अभ्यारण्य के जंगलों में पहुंचकर अवैध कटाई का जब निरीक्षण किया था तो अवैध कटाई के दौरान पेंडों के ठुठों के गिनने में कई दिनों तक समय लग गया था।
प्रदेश स्तर के वन अफसर लगातार एक सप्ताह तक इस अभ्यारण्य क्षेत्र के जंगलो में कई किलोमीटर पैदल चलकर अवैध कटाई के मामलों का निरीक्षण कर इस मामले मे बडी कार्यवाही भी किया गया था। बावजूद इसके अभी भी क्षेत्र के जंगलो में अवैध कटाई के साथ वन्य प्राणी सुरक्षित नहीं है।पिछले पांच वर्षो का यदि रिकार्ड देखा जाए तो मैनपुर पुलिस ने काफी सक्रियता के साथ एक दर्जन से भी अधिक जिंदा पेंगोलियन के तस्करी करने वालों तस्करो को पकडकर सलाखों के पीछे भेजा है।
इस दौरान बाघ के खाल के साथ तेन्दुआ, खाल भी मैनपुर पुलिस ने बरामद किया है और तो और क्षेत्र के जंगल से जिंदा वन्य प्राणी पेंगोलियन, तेन्दुआ के शावक के तस्करों को पकड़ा गया है और उन पर कार्यवाही किया गया है, तो वही वन विभाग भी गरियाबंद वन मंडल क्षेत्र के साथ उंदती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में जिंदा पेंगोलियन के तस्करी करने वालें कई तस्करों को जिंदा पेंगोलियन के साथ पकडकर उन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है। पुलिस और वन विभाग की कार्यवाही यह बताने के लिए काफी है कि गरियाबंद जिला व उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र जिंदा वन्य प्राणी पेंगोलियन का शिकारगढ़ बन गया है और इस मामले में क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों ने गंभीर चिंता भी जाहिर किया है।
वन विभाग पेंगोलियन दिवस को भुला
आई.यु.सी.एन की लाल सूची में ( खतरे में अस्तित्व) दर्ज तथा वन संरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक में दर्ज पेंगोलियन की रक्षा के लिए जन जागरूकता फैलाये जाना वाला अंतराष्ट्रीय पेंगोलियन दिवस 20 फरवरी को मनाया जाता है। वल्र्ड पेंगोलियन डे को मनाने का उददेश्य पेंगोलियन जीव की प्रजाति के मिट रहे। अस्तित्व को बचाना है। दरअसल ये जीव उन संकटग्रस्त जीवों की प्रजाति में शामिल है जिनकी संख्या दिनाें दिन घटती जा रही है जबकि इसके संरक्षण के लिए लगातार कोशिशे की जा रही है, और लगातार गरियांबद जिले व उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र से पेंगेालियन की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में इस दुर्लभ वन्य प्राणी को बचाने वन विभाग को पेंगोलियन दिवस मनाकर लोगो में जनजागरूकता फैलाना चाहिए लेकिन वन विभाग में पेंगोलियन दिवस ही भूल गया और इस दिन किसी भी प्रकार के कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया गया।
अंराष्ट्रीय बाजार में इसकी लाखों में होने के कारण तस्करी बढे़ है
पेंगोलियन स्तनधारी वन्य प्राणी सरीसृप वर्ग का है जो रात में ही निकलता है विदेशो में इसे उंचे कीमत में बेचा जाता है।तस्करी करने वालों ने पुलिस व वन विभाग के सामने खुलासा किया है कि विदेशो में इसकी चमडी शल्क, हडडी सभी चिंजो का प्रयोग शक्ति वर्धक दवाईयों बनाने में प्रयोग में लाया जाता है और करीब 15 लाख रूपये तक इसकी कीमत बताई जाती है विदेशो मे तो इसे करोड़ों में खरीदा जाता है। ऐसा तस्करों ने पूर्व में अपने बयान में वन विभाग एंव पुलिस को दिया है, जिसके कारण लगातार पेंगोलियन की तस्करी बढ़ी है।
वन्य प्राणियों के तस्करी और जंगलो में अवैध कटाई का मामला विधानसभा में उठायेंगे – पुजारी
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी ने चर्चा में बताया कि क्षेत्र के जंगलो में न तो वन्य प्राणी सुरक्षित है और न ही वन लगातार दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव पेंगोलियन के तस्करी के कई मामले सामने आये है। लगातार जंगलो में अवैध कटाई के मामले आ रहे हैं।उन्होंने बताया विधानसभा में मामला को उठाया जायेगा।