समाज के सभी वर्ग को न्याय दिलाना सरकार का प्रमुख काम: मुख्यमंत्री श्री बघेल
1 min readजनगणना 2021 के आधार पर अनुसूचित जाति का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा
संविधान सुरक्षित तो हमारा अधिकार सुरक्षित: डाॅ. डहरिया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाये जाने पर समाज द्वारा अनुसूचित जाति सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल समारोह के मुख्य अतिथि थे। आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल का शानदान अभिनंदन किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के साथ ही समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्हांेने अपना सम्बोधन संत शिरोमणि बाबा गुरू घासीदास, संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयकारे के साथ किया।
स्थानीय बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित समारोेह में श्री बघेल ने कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकार के तहत प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत जनगणना 2011 के आधार पर बढ़ाया गया है। आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया जाना इन वर्गो का अधिकार है। इसके तहत राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग को 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 की जनगणना के परिणाम आने के एक माह के भीतर अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने समृृद्ध और मजबूत छत्तीसगढ़ बनाने का सपना देखा था। उनकी सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश की ढाई करोड़ से अधिक लोगों के उत्थान और विकास के लिए कार्य करना है। उन्हांेने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया, महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजादी दिलायी और डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाया है। इन महापुरूषों के पदचिन्हों पर चलकर प्रदेश का निरंतर विकास करते रहेंगे। अभिनंदन समारोह में गृृह एवं लोकनिर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समाजिक समरसता, भाईचारा और मित्रता की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। सामाजिक समरसता के निर्माण में अनुसूचित जाति समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। छत्तीसगढ़ के परमपूज्य बाबा गुरू घासीदास ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ और ‘सत्य ही ईश्वर है-ईश्वर ही सत्य है’ का संदेश दिया है। श्री साहू ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति और संस्कार की भी शिक्षा देने का आग्रह किया, ताकि वे आदर्श गांव, समाज, प्रदेश और देश निर्माण में सहभागी बन सके। नगरीय प्रशासन मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि प्रदेश के विकास में अनुसूचित जाति समाज का हमेशा से सहयोग रहा है। उन्हांेने कहा कि आजादी के बाद संविधान बनाने की जिम्मेदारी डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को दी गई थी। भारतीय संविधान दुनिया की श्रेष्ठ संविधान है, संविधान सुरक्षित रहेगा तो हमारा अधिकार भी सुरक्षित रहेगा। समारोह में विधायक श्री मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्वप्न द्ृष्टा डाॅ. खूबचंद बघेल, चंदूलाल चन्द्राकर, मिनीमाता आदि के मंशानुरूप समृृद्ध छत्तीसगढ़ के लिए नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की दिशा में काम कर रहें हैं। इन कार्यों की प्रशंसा देश के बाहर भी हो रही है। समारोह में गुरूघासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री के.पी. खाण्डे ने भी सम्बोधित किया। सम्मान समारोह में उपस्थित अतिथियों को शाॅल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया गया। अभिनंदन समारोह में विधायक श्री भुनेश्वर बघेल, गुरूदयाल बंजारे, चन्द्रदेव राय, किस्मतलाल नंद, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, कुलदीप जुनेजा, पूर्व मंत्री श्री धनेश पाटिला, पूर्व सांसद श्री पी.आर. खूटें, श्रीमती कमला मनहर, पूर्व विधायक चुरावन मंगेशकर, दिलीप लहरिया, पदमा मनहर, चुन्नीलाल साहू, धर्मगुरू श्री सुखवंत साहेब सहित श्री हरनाम सिंह, श्रीमती किरणमयी नायक, शकुन डहरिया, श्री शैलेष नीतिन त्रिवेदी, अलख चतुर्वेदानी सहित जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में प्रदेशभर से समाज के लोग शामिल हुए।