अधिक रुपए की लालच में बीएसपी के पूर्व डीजीएम से 34 लाख की हुई ठगी
- नेटवर्किंग कंपनी में किया था निवेश, आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है
भिलाईनगर। कुछ समय पहले नेटवर्किंग कंपनी में रुपये निवेश करने पर अधिक से अधिक लाभ, रायल्टी और लाभ समेत मूलधन की वापसी का झांसा देकर बीएसपी के एक सेवानिवृत्त डीजीएम व पत्नी से 34 लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपियों के खिलाफ भिलाई नगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किया है। रोपियों में से दो लोग मरोदा सेक्टर के रहने वाले हैं और उन्होंने ही शिकायतकर्ता को इस स्कीम के बारे में जानकारी दी थी। आरोपियों ने लाभ और लाभ समेत राशि लौटाने की जो तिथि बताई थी, उस तिथि पर उन्होंने रुपये नहीं दिए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पहले पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता ने न्यायालय की शरण ली थी। इस पर न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस ने बताया कि रशियन कॉम्पलेक्स सेक्टर 7 निवासी शिकायतकर्ता प्रहलाद सिंह ठाकुर ने नागपुर के एजीएम डिजिटल कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सुशील रमेश कोल्हे, पंकज रमेश कोल्हे, मैनेजर भरत साहू और उक्त कंपनी के स्थानीय सहयोगी मरोदा सेक्टर निवासी विजय कुमार उइके और हरीश गायकवाड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
शिकायतकर्ता बीएसपी में डीजीएम के पद पर कार्यरत थे और उन्होंने वर्ष 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. दोनों आरोपियों ने अप्रैल 2018 में शिकायतकर्ता को झांसा दिया था कि उन्होंने एजीएम डिजिटल कार्पोरेशन कंपनी में प्रतिनिधि के रूप में काम शुरू किया है। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को एक स्कीम बताते हुए कहा कि उनकी कंपनी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से नेटवर्किंग मार्केटिंग का काम करती है। उक्त कंपनी में रुपये निवेश करने पर निश्चित मासिक लाभ मिलेगा। तीन साल बाद पूरा मूलधन मुनाफा समेत वापस मिल जाएगा. शिकायतकर्ता आरोपियों की बातों में आ गया और उसने अपने व अपनी पत्नी के नाम पर कुल 34 लाख रुपये आरोपियों के बताए कंपनी में निवेश कर दिया. रुपये निवेश करने के बाद भी शिकायतकर्ता को कोई मासिक लाभ नहीं मिला, तो उसने आरोपियों से संपर्क किया.
आरोपी ने दिया 31.80 का चेक, हुआ बाउंस आरोपियों ने 14 सितंबर 2019 को शिकायतकर्ता को 31 लाख 80 हजार रुपये का चेक दिया, लेकिन खाते में पर्याप्त राशि न होने पर वह चेक बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपियों ने 15 जनवरी 2020 को फिर से 34 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन वह भी बाउंस हो गया। भिलाई नगर पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।