Recent Posts

November 20, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

स्वास नली में 1.5 सेमी का इमली बीज, आईजीएच के डॉक्टरों ने की रक्षा

1 min read
IGH doctors raurkela

राउरेकला। इस्पात जनरल अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने अनामिका लाक्रा नाम की सात साल की बच्ची की जान बचाई, जिसके स्वास नली में 1.5 सेमी का इमली बीज फंस गया था,  उसे 13 जून को अस्पईताल लाया गया था। राजगांगपुर ब्लॉक के कुटिया गाँव के श्री सुशील लकड़ा और श्रीमती मीना लकड़ा की बेटी बहुत बेचैन थीं और उन्हें बाल चिकित्सा वार्ड में भर्ती कराया गया था।

IGH doctors raurkela

सीटी स्कैन रिपोर्ट के बाद, बच्चे को 13 जून को आपरेशन थियेटर में ले जाया गया। डॉक्टीरों की टीम में शामिल  डॉ. गौतम दास, कल्सपलटेंट,  ईएनटी, डॉ. डी साहू, कल्सवलटेंट, ईएनटी बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. जे आचार्य, संयुक्त निदेशक, बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. पी रथ, वरिष्ठ उप-निदेशक, बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. संजुक्ता पाणिग्राही, वरिष्ठ उप-निदेशक, एनेस्थीसिया, डॉ. एम सामंतराय, वरिष्ठ कल्सचलटेंट, एनेस्थीसिया ने देरी किये बिना सिस्ट रों के सहयोग से बच्ची का अपरेशन किया। डॉक्टरों ने सामान्य एनेस्थीसिया के तहत ब्रोंकोस्कोपी की मदद से आपरेशन किया और एक घंटे से कम समय के भीतर श्वाएस नली से बीज को बाहार निकलने में सफल रहे। संतोषजनक पोस्ट सर्जिकल रिपोर्ट के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।गौरतलब है कि गैर-हकदार परिवार से आने वाली बच्ची को आई।जीएच में लाए जाने से पहले निमोनिया का हवाला देते हुए राजगांगपुर, बुर्ला मेडिकल कॉलेज के कई अस्पतालों में ले जाया गया था, आईजीएच की विशेषज्ञता के बारे में बताया जाने के बाद बच्चे को आईजीएच में लाया गया।उल्लेखनीय है कि आईजीएच अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं से कई बच्चों का इलाज किया है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अस्पतालों से रेफर किये गये गंभीर ब्रोंकोस्कोपी वाले बच्चों को आईजीएच में सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *