UTTAR PRDESH – मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
1 min readलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए । उ0प्र0 में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किए जाने हेतु जनपद अलीगढ़ तहसील खैर के ग्राम अण्डला में खैर के ग्राम अण्डला अवस्थित कृषि विभाग की 45.489 हे0 भूमि औद्योगिक विकास विभाग को निःशुल्क अन्तरित करने के निर्णय लिया है।
इस निर्णय से राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार पर कोई व्ययभार नहीं पड़ेगा। इससे रक्षा सामग्री के उत्पादन एवं अनुसंधान के साथ-साथ जनसामान्य के लिए रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे। डिफेंस कॉरिडोर को विकसित किए जाने का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु राज्य में सहायक इकाइयों को उनसे जोड़ना, रक्षा क्षेत्र में निर्यातोन्मुख विनिर्माण आधार का विकास करना, रक्षा तथा एयरोस्पेस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करते हुए निरन्तर प्रौद्योगिकी उन्नयन सुनिश्चित करना आदि है।
ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा अमृत शहर के रूप में चयनित नगरों, नगर निगमों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा निकायों का मार्केट ओरिएण्टेशन बढ़ाने के लिए म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने की कार्यवाही की जा रही है। उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-154 के अन्तर्गत निकाय, म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने के लिए राज्य सरकार की पूर्वानुमति से सक्षम है। नगर निगम लखनऊ एवं नगर निगम गाजियाबाद हेतु क्रमशः 200 करोड़ रुपए एवं 150 करोड़ रुपए के म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने में आवश्यकतानुसार अवस्थापना विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग इनहैन्समेण्ट हेतु धनराशि उपलब्ध करायी जानी है। अवस्थापना विकास निधि में नगरीय स्थानीय निकायों के अन्तर्गत अवस्थित अचल सम्पत्तियों के अंतरण विलेखों पर संग्रहीत 02 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की धनराशि में से 0.5 प्रतिशत की धनराशि नगरीय स्थानीय निकायों को उपलब्ध करायी जाती है। यह धनराशि प्रतिवर्ष लगभग 600 करोड़ रुपए बनती है। यह धनराशि मार्केट में प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन बढ़ने से प्रत्येक वर्ष बढ़ने की सम्भावना है। म्युनिसिपल बॉण्ड निर्गत करने की प्रक्रिया में नगर निगमों में वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सर्विस डिलीवरी में भी प्रोफेशनलिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इस योजनान्तर्गत म्युनिसिपल बॉण्ड के जरिए धनराशि मार्केट से रेज़ करने पर प्रत्येक 100 करोड़ रुपए के सापेक्ष 13 करोड़ रुपए का अनुदान भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश नगर निगम (सम्पत्ति कर) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2019 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-172 में नगर निगम सीमा में स्थित भवन और भूमि पर सम्पत्ति कर लगाए जाने का प्राविधान है। सम्पत्ति कर के अंतर्गत सामान्य कर (भवन कर), जल कर और जल-निस्सारण कर (सीवर कर) आते हैं। यह कर भवन या भूमि के वार्षिक मूल्य के आधार पर लगाए जाते हैं। कर-निर्धारण की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ बनाने के उद्देश्य से उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 में संशोधन कर नगर निगमों में आवासीय भवनों के सम्पत्ति कर के लिए स्व-निर्धारण का विकल्प लागू किया गया और उ0प्र0 नगर निगम (सम्पत्ति-कर) नियमावली, 2000 बनायी गयी। वर्ष 2009 में उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 में संशोधन कर अनावासीय भवनों के कर निर्धारण के लिए भी स्व-कर निर्धारण का प्राविधान कर उ0प्र0 नगर निगम (सम्पत्ति कर) (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2013 अधिसूचना दिनांक 27 दिसम्बर, 2013 द्वारा प्रख्यापित की गयी। उ0प्र0 नगर निगम (सम्पत्ति कर) (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2013 में सम्पत्तियों के श्रेणी विभाजन में विसंगति और असमानता को दूर कर इसे तर्कसंगत, सरल और जनहित के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश नगर निगम (सम्पत्ति कर) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2019 प्रख्यापित कर अधिकतम 120 वर्गफीट क्षेत्रफल की दुकानों यथा चाय, दूध, ब्रेड, अण्डों, पान, धोबी/लॉण्ड्री, फलों और सब्जियों, फोटोस्टेट, नाई/हेयर डेªसर और दर्जी की दुकान पर आवासीय भवनों हेतु नियत दर का डेढ़ गुना कर निर्धारण किया जाना प्रस्तावित है।