Recent Posts

November 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

मैनपुर में आदिवासी समाज ने किया समान नागरिक संहिता का जमकर विरोध प्रदर्शन 

1 min read
  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • रैली निकालकर आदिवासी समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
  • आदिवासी युवक के ऊपर सरेआम पेशाब करने वाले को फांसी पर चढ़ाने की मांग

मैनपुर । गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय मैनपुर में आज समस्त आदिवासी समाज द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। झमाझम बारिश के बीच रैली निकालकर नारेबाजी किया गया साथ ही आदिवासी युवक के उपर सरेआम पेशाब करने वाले आरोपी को फांसी पर चढाने की मांग किया और नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में आदिवासी समाज ने समान नागरिक संहिता को अपनी परंपराओं के लिए खतरा बताया है। आदिवासी समाज ने अपने ज्ञापन में कहा कि समान नागरिक संहिता लागू हो जाने से आदिवासियों की अपनी परम्परा बदलने का खतरा बना हुआ है। इस दौरान आदिवासियों ने अपनी पुरातन, सामाजिक संस्कृति, अपने रीति -रिवाजों, समाज के भीतर तय कानूनों और संरक्षण की दिशा में लिए गए फैसलों में बदलाव की आशंका जाहिर की है। आदिवासी नेता महेन्द्र नेताम ने कहा कि संविधान के विशेष प्रावधान के तहत आदिवासी समाज को विशेष सांस्कृतिक एवं सामाजिक अधिकार दिए गए हैं। देश में समानता के बगैर किसी भी समान नागरिक संहिता का आदिवासी समाज विरोध करता है। समान नागरिक सहिंता लागू होने पर आदिवासियों के अधिकारों में फर्क पड़ेगा।

आदिवासी कांग्रेस के गरियाबंद जिला अध्यक्ष खेदू नेगी ने कहा कि केन्द्र के नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार आदिवासी संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रही है और आदिवासी समाज को नुकसान पहुचाने का कोशिश कर रहा है उन्होने कहा कि आज सरेआम आदिवासी युवक के उपर पेशाब किया जा रहा है लेकिन उनके उपर कोई कार्यवाही न करना समझ से परे है ऐसे लोगो को फांसी पर चढा दिया जाना चाहिए । आदिवासी नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमृत नागेश, आम आदमी पार्टी के गरियबंद जिलाध्यक्ष सियाराम ठाकुर, खोलूराम कोमर्रा, ने कहा कि अदिवासी समाज में शादी ब्याह, रीति रिवाज की अपनी अलग परम्परा है । इसी तरह आदिवासी जमीन खरीद ब्रिक्री का अधिकार समाज के लोगों को ही है। जो कि संविधान के विशेष प्रावधान के तहत आदिवासी समाज के हित में दिया गया है। समान नागरिक संहिता से आदिवासियों के इन सभी सीटों पर सीधा प्रहार होगा ।

इस मौके पर प्रमुख रूप से आदिवासी नेता महेन्द्र नेताम, खेदू नेगी, अमृतलाल नागेश, खोलुराम कोमर्रा, गणेश साण्डे, सोहन नागेश , प्रताप मरकाम, पदम नेताम,तिहारू मरकाम, तुलसी नेगी, सुभाष मरकाम, परमेश्वर मरकाम, चंदन नागेश, नारद कोमर्रा, योगेन्द्र मरकाम, भुपेन्द्र नागेश, राजेश दीवान, नोहर दीवान, नाथु ध्रुर्वा, वेदप्रकाश नागेश, नेयाल नेताम, सरद नेगी, सुरेश मरकाम, लोकेश मरकाम, त्यागी नेताम, खिलेश ओंटी व बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।