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October 18, 2024

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मौजूदा परिस्थिति में कॉरपोरेट हमलों का निशाना सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय

  • विश्व मूल निवासी, आदिवासी दिवस गरियाबंद में बड़े पैमाने में मनाया गया
  • शिखा दास, रिपोर्टर 

9 अगस्त को ” विश्व मूल निवासी/ आदिवासी दिवस” के अवसर पर गरियाबंद ( छत्तीसगढ़) में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा एक महती कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।इस भव्य कार्यक्रम में गोंड, हलबा,भुंजिया, कमार, कंवर सहित नौ आदिवासी समुदाय ने शिरकत की । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम) के महासचिव तुहिन, भाकपा ( माले)रेड स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा,जनपद पंचायत अध्यक्ष ललिता ठाकुर जी,जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ के संयोजक कॉमरेड प्रसाद राव, आदिवासी भारत महासभा के अखिल भारतीय संयोजक कॉमरेड युवराज नेताम,त्रिलोक कोमराजी, हलवा समाज के संयोजक निलंबर सोम जी, ध्रुव गोंड समाज के संयोजक उमेदी पी कोर्राम,कर्मचारी संघ के संयोजक फागू नागेश्वर जी, कंवर समाज के संयोजक फिरतू राम कंवर,क्रांतिकारी किसान सभा के संयोजक कॉमरेड हेमंत, अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन की राज्य संयोजक कॉमरेड उषा तथा विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की।

विभिन्न आदिवासी लोक कला मंडलियों एवम कसम ने रोचक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी । विभिन्न वक्ताओं के वक्तव्य का सार यही था कि मौजूदा परिस्थिति में कॉरपोरेट हमलों का निशाना सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय है । मणिपुर से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में कॉरपोरेट घरानों के दलाल संघी मनुवादी फासिस्ट ताकतों ने आदिवासी शोषित पीड़ित जनता के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। इस विशाल आमसभा में कॉरपोरेट घरानों द्वारा जल, जंगल, जमीन की भयावह लूट और मूलनिवासियों के विस्थापन के खिलाफ,मणिपुर में नफ़रत और विभाजन के राजनीति की शिकार कुकी आदिवासी समुदाय को न्याय देना, वहां तुरंत हिंसा और आदिवासी महिलाओं का दमन बंद करना, हिंसा और निर्मम यौन अत्याचार के घृणित अपराधियों, दोषी पुलिस प्रशासन, नफ़रत और हिंसा भड़काने वाले राजनैतिक दलों पर कठोर कार्यवाही किए जाने, वन संरक्षण अधिनियम, समान नागरिक संहिता को वापस लिए जाने, पेसा कानून को कड़ाई से लागू करने, अडानी अंबानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को प्राकृतिक संपदा की लूट पर रोक लगाने और आदिवासियों को हिंदू बनाने के षडयंत्र के खिलाफ आवाज बुलंद की गई।सभा के अंत में कलेक्टर के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को आदिवासी हितों के संरक्षण के लिए हजारों आदिवासियों के द्वारा रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा गया ।