Recent Posts

November 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

ग्राम तुहामेटा मे 40 साल पहले अपने टिकरा जमीन पर लगाया था कीमती वृक्ष सागौन के पौधे, अब इन पौधो से मालामाल होंगे किसान

  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
  • पर्यावरण के प्रति समर्पित पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमृतलाल नागेश ग्रामीणों को सागौन की खेती करने करते हैं प्रोत्साहित

मैनपुर – कीमती वृक्ष सागौन की खेती कर किसान लाखो रूपए प्राप्त कर सकते है और इससे जहां एक ओर पर्यावरण के लिए काफी अच्छा साबित होगा। वही दूसरी ओर किसान इन पौधो के वृक्ष बनने के बाद मालामाल हो सकते है। ऐसा ही मामला तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 8 किमी दूर विशेष पिछड़ी जनजाति ग्राम तुहामेटा मे देखने को मिल रहा है। ग्राम तुहामेटा के वरिष्ठ नागरिक पूर्व सरपंच अमृतलाल नागेश के परिवार ने सन् 1988 के आसपास अपने स्वयं के टिकरा जमीन मे सागौन के पौधे लगाये थे। अब यह वृक्ष बन गया है और इन वृक्षों की कटाई से इस परिवार को लाखों रूपए का आय प्राप्त होगा जो अन्य लोगों को वृक्षा रोपण के प्रति प्रोत्साहित करता है।

आज ग्राम तुहामेटा के वरिष्ठ नागरिक एवं दो बार सरपंच तथा एक बार जिला पंचायत सदस्य रहे अमृतलाल नागेश ने बताया की उनके पिता जी स्व. मनीराम नागेश एवं चाचा मनराखन नागेश ने अपने घर से लगे टिकरा जमीन मे 56 नग सागौन का वृक्ष लगाया था। उस समय वन विभाग मे पदस्थ स्व. भुवनप्रसाद पांडे ने उनके पिता जी को बताया था कि अभी सागौन का वृक्ष लगाओगे तो आने वाले समय मे यह तुम्हारे परिवार के लिए आय का साधन बनेगा तब उनके पिता जी व चाचा ने 56 नग सागौन के पौधे लगाये थे जो अब पूरी तरह वृक्ष बन गया है और काफी बड़ा और मोटा हो गया है। उन्होंने बताया इन वृक्षो की कटाई से लाखो रूपए प्राप्त होगा साथ ही उनके द्वारा हर वर्ष फलदार, छायादार पौधो का रोपण किया जाता है अनेक प्रकार के आम के वृक्ष इनके घर में है।

श्री अमृतलाल नागेश ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह संदेश देना चाहते है कि वर्तमान समय मे वृक्षा रोपण बेहद जरूरी है यदि किसान और क्षेत्र के ग्रामीण चाहे तो अपने अनुपयोगी तथा खेतो के मेड़ों पर सागौन इमारती वृक्षो का रोपण कर इससे लाखो रूपए का आय अर्जित कर सकते है साथ ही यह पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित भी होगा। उन्होंने बताया सागौन को इमारती लकड़ी का राजा कहा जाता है इसका पेड़ बहुत लंबा होता है और अच्छी किस्म की लकड़ी इससे प्राप्त होता है। देश और विदेश के बाजार मे सागौन लकड़ी की भारी मांग है सागौन से बनाये गये फर्नीचर भारी कीमती होता है और महज 14 सालो मे अच्छी सिंचाई और उपजाऊ मिट्टी के साथ वैज्ञानिक प्रबंधन के जरिए एक पेड़ से 10 से 15 क्यूबिक फीट लकड़ी हासिल की जा सकती है। इस दौरान पेड़ के मुख्य तने की लंबाई 25 से 30 फीट, मोटाई 35 से 45 इंच तक हो जाती है, सागौन की खेती से जहां पर्यावरण मे सुधार होगा वही किसान मालामाल भी हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *