भारत के नए कृषि कानूनों का पक्षधर है, किसान विरोधी, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष : सौरा यादव
1 min readइस आंदोलन में अब तक 100 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं
रायपुर । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) रेड़ स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा यादव ने कहा कि किसान विगत 58 दिनों से लाखों की तादाद में किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के विभिन्न बोर्डरो में किसान आंदोलन कर रहे हैैं। इस आंदोलन में अब तक 100 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। पुरे विश्व में इन काले कानूनों का विरोध किया जा रहा है। ऐसे समय में अंतररास्ट्रीय मुद्रा कोष (आई एम एफ) ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए किसानों के लिए फायदे मंद बताया है। यह जन विरोधी किसान विरोधी बयान है। आई एम एफ, विश्व बैंक जैसी संस्थान साम्राज्यवाद के इशारे पर काम करती हैं और हमेशा मेहनतकश जनता के खिलाफ शासक वर्ग के साथ देते रहे हैं।
केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गए कॉरपोरेट परस्त तथा किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून लागू करने की मांग को लेकर विरोध जारी है। न्यायालय ने जिन चार लोगों की समिति का गठन किया गया है, ये वही लोग हैं, जो बीजेपी/आरएसएस क़ी मोदी सरकारके लिए कानून बनाया हैं। इस तरह का निर्णय से कंगारु अदालते भी बेनकाब हो गई है।
10 राऊंड की चर्चा मे नतीजा शून्य रहा। कार्पोरेटो के दलाल नवउदारवादी नीतियों को लागू करने वाले आरएसएस/बीजेपी की फ़ासिस्ट मोदी सरकार के खिलाफ आगामी 23 जनवरी को राज्यपाल भवन का घेराव एवं 26 जनवरी को ट्रेक्टर मार्च के माध्यम से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।