अंधाधुंध हो रही रमचन्दा जंगल की कटाई, वन विभाग मौन ग्रामीण उद्वेलित
रतनपुर:वन मंडल के विख्यात रमचन्दा जंगल तिलकडीह में विगत 15 दिनों से कीमती पेड़ो की अंधाधुंध कटाई जारी है।
इस मसले पर वन विभाग के अधिकारी मौन है किसके द्वारा कटाई की जा रही और लकड़ियां कहा जा रही है इस विषय मे किसी को कोई जानकारी नही है।
ये सिलसिला लगभग दीवाली के पूर्व से जारी है।
आलम ये है कि इस रेंज में न तो बिट गार्ड है न ही चौकीदार एक अकेले सर्किल प्रभारी प्रेम चौरे से इस विषय पर पूछने पर उनके द्वारा पत्रकारों को गोलमोल जवाब दिया जाने लगा उन्होंने बताया कि अवैध कटाई की गई लकड़ियों को जप्ती भी बनाया गया है लेकिन जप्ती बनाकर कहा ले जाया गया है और किस पर क्या कार्यवाही की गई है इस विषय पर उनके द्वारा गोलमोल जवाब दिया जाने लगा।
वही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि वन विभाग के दो दो बेरियर होने के बावजूद 50 से 100 नग बल्ली रोज गाड़ी में भरकर लोग ले जा रहे तब भी वन विभाग मौन है । प्रभारी प्रेम चौरे से शिकायत करने पर वे बहुत देर से आते है तथा ग्रामीणों पर ही चिल्लाने लगते है और उन पर ही गलत कार्यवाही कर देते है।
ग्रामीण लोगो का कहना यह भी था कि 50 बल्ली काट कर रखी गयी थी किसे उन्होंने खुद गिना था लेकिन कार्यवाही में केवल 25 बल्ली को ही जप्त किया गया है इस पर प्रेम चौरे द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया कि जो छोटे साइज की बल्लिया थी उन्हें जलाऊ में दर्ज किया गया है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि सब एक साइज की बल्लियां थी।
इस बात से यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस इतने बड़े अवैध काम मे विभाग के आला अधिकारियों की जरूर मिलीभगत है वरना 2 बेरियर के रहते इस तरह के अवैध काम को अंजाम देना आम व्यक्ति के बस से बाहर है जमुनाही बीट कक्ष क्रमांक 244 के तहत यह काम पिछले लगभग 15 दिनों से जारी है । विभाग के अधिकारियों सूचना मिलने पर उदासीन रवैया दिखाते है और आते भी नही या आते भी है तो उल्टे के चलते इस विषय पर ध्यान इन्ही पर झूठी कार्यवाही कर देते है।अवैध कटाई लगातार जारी है प्रत्येक दिन लगभग 25 से 50 पेड़ काटे जा रहे हैं,विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को बेवजह जलाऊ लकड़ी ईकट्ठा करने पर जबकि उनके द्वारा कटाई नहीं की जाती केवल टूटी हुई जलाऊ लकड़ी को इकट्ठा किया जाता है।
उस पर भी उनके ऊपर करवा ही कर दी जाती है तथा उनके सामानों साइकिल आदि को जब्ती बना दिया जाता है जिससे ग्रामीण काफी उद्वेलित हैं उनका कहना है कि वन विभाग के अधिकारी अपनी मिलीभगत के चलते यह अवैध काम अपनी निगरानी में करवा रहे हैं और झूठी कार्यवाही कर अपना बचाव कर है।
कुछ दिन पूर्व सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार ने सिल्ली रेंज में भी इसी तरह बिना किसी जानकारी या आदेश के कीमती पेड़ो को काटकर अपने साथ ले गया था जिसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की गई थी उस पर भी वन विभाग के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध नाममात्र का चालान काट कर ठेकेदार से साथ गांठ कर लिया गया था।
लगातार रतनपुर वन परिक्षेत्र में इस तरह के अवैध काम विभाग के किसी न किसी बड़े सांठगांठ को उजागर कर रहा है। देखना होगा इस खबर का कितना असर विभागीय अधिकारियों पर होता है।