Recent Posts

October 18, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

गरियाबंद पुलिस द्वारा 1 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर ग्राम भिलाई (घरौंदा) वृद्धजन आश्रम में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

1 min read
  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • कार्यक्रम के दौरान वृद्धजनों को साड़ी, साल, धोती एवं श्रीफल वितरण किया गया

गरियाबंद। पुलिस – आज 1 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर गरियाबंद पुलिस द्वारा ग्राम भिलाई (घरौंदा) वृद्धजन आश्रम में निवासरत वृद्धजनों का सम्मान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक गरियाबंद श्री जेआर ठाकुर, एडीएम श्री अविनाश भाई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रेश सिंह ठाकुर , अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गरियाबंद श्री पुष्पेंद्र नायक, वृद्धा आश्रम संस्था अध्यक्ष श्री रामगुलाम सिन्हा, सहायक संचालक श्री डीपी ठाकुर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान गरियाबंद पुलिस अधीक्षक श्री जे आर ठाकुर के द्वारा वृद्ध जनों के सम्मान में एवं समाज में वृद्ध जनों के प्रति हो रहे भेदभाव के संबंध में चर्चा किये, चर्चा के दौरान आज के परिवेश में हमारे घर परिवार और समाज से वृद्धजनों से अलगाव एक महत्वपूर्ण समस्या है, इससे हमारे समाज की युवा पीढ़ी में समाज की संस्कृति रहन-सहन हस्तांतरित नहीं हो पा रहा है, जिनके कारण समाज में अव्यवस्था फैल रही है। कुछ स्वार्थ खुशियों के लिए आज के युवा पीढ़ी हमेशा अलग रहना चाहते है। इससे निकट भविष्य में समाज की मूलभूत संस्कृति अंधकार की ओर जा रही है।
साथ ही वृद्धजनों के कल्याण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए, जो उनमें जीवन के प्रति उत्साह उत्पन्न करे। इसके लिए उनकी रुचि के अनुसार विशेष प्रकार की योजनाएं भी लागू की जा सकती हैं। स्वयं वृद्धजन को भी अपने तथा परिवार और समाज के हित के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। उदाहरणार्थ- युवा परिजनों के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें और उन्हें अपने ढंग से जीवन जीने दें। उन्हें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सदैव हल्का, सादा और स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन लेना चाहिए। अपने को सदैव तनाव से दूर रखें और यथासंभव नित्यप्रति हल्का और नियमित व्यायाम करें। प्रात: और संध्या को नित्य घूमना उनके लिए विशेष उपयोगी है। अपने को यथासंभव व्यस्त रखें और निराशा को कभी भी अपने पास न फटकने दें। सदैव शांत, संतुष्ट और संयमित जीवन बितायें। समाज के लिए कुछ उपयोगी कार्य करने का सदैव प्रयत्न करें।