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December 25, 2024

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वन मंत्री के निर्देश पर अवैध कटाई की जांच करने पहुंचा प्रधान वन संरक्षक के साथ अमला

भारी बारिश के बावजूद नदी नालो के बाढ को पार कर पहुचे अफसर पंचनामा करने
मैनपुर। गरियाबंद जिले के टाईगर रिजर्व उदंती सीतानदी में पिछले कुछ माह से दूसरे प्रदेश उड़ीसा के लोगो द्वारा जंगल को जमकर काटकर अवैध अतिक्रमण करते हुए जंगल में दर्जनों झोपड़ियां तान लिया गया है। इस खबर को लगातार प्रकाशित करने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वनमंत्री मोण् अकबर ने मामले को संज्ञान में  लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिया था जिसके फलस्वरूप आज छत्तीसगढ़ प्रधान वन संरक्षक वन्यप्राणी रायपुर श्री एके शुक्ला, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी एचएल रात्रे, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक विष्णु राज नायर सहित वन विभाग के आला अफसर व पूरा अमला उदंती टाईगर रजर्व के कक्ष क्रमांक 1204 पूंजी पथरा हल्दी कछार, गोढेना पहुंचकर अवैध अतिक्रमण का जायजा लिया। आला अधिकारियों ने लगभग 15 किमी पैदल नदी नाले को पारकर स्थल निरीक्षण के लिये पहुंचे इस दौरान भारी बारिश भी अफसरों के रास्ते को नहीं रोक पाया। प्रधान वन संरक्षक ़एके शुक्ला एवं मुख्य वन संरक्षक एचएल रात्रे सहित वन विभाग के आला अफसर सुबह 11 बजे उदंती अभ्यारण के करलाझर पहुंचे और  यहां से लगभग 15 किमी पैदल तीन बड़े नदी नालो ंको कमर भर पानी को पैदल पारकर हल्दी कछार पूंजीपथरा गोढेना जहां अवैध कटाई हुआ है। उक्त स्थल के निरीक्षण करने पहुंचे भारी पैमाने पर अवैध कटाई को देखकर अफुसर भी ठिठक गये। लगभग 10 हेक्टेयर जंगल को पूरी तरह से काटकर मैदान में तब्दील कर दिया गया है। देर रात 9 बजे के आसपास आला अफसर  मैनपुर पहुंचे। इस दौरान प्रधान वन संरक्षक एके शुक्ला ने कहा पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी जिम्मेदार होगा उसपर कायर्वाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में वन विभाग ने पहले ही कार्यवाही करते हुए अतिक्रमणकारियों को न्यायालय मे पेश कर जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा जंगल और  वन्य प्राणियों की सुरक्षा ही मुख्य उदे्श्य है और वन विभाग कोई भी जंगल मे अवैध अतिक्रमण करने वाले लोगो को नही बक्सेगा।

Investigation of illegal harvesting on the instructions of the forest minister mainpur
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महिनो सें उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के भीतरी इलाको में उड़ीसा के साथ साथ अन्य दिगर क्षेत्रो के लोगो द्वारा जंगल को बदस्तूर उजाडकर लगातार अतिक्रमण की शिकायतें विभाग के नाक पर दम कर दिया था। और अभ्यारण क्षेत्र के बाशिंदे राजधानी रायपुर पहुंचकर वनमंत्री से अवैध कटाई पर नकेल कसने की मांग की थी जिसपर तत्परता बरतते हुए विगत 25 सितंबर को वनमंत्री मो. अकबर ने जांच का आदेश देते हुए वन अफसरों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर मामले की जांच के आदेश दिये थे। इस मामले की सघन जांच के लिये प्रधान वन संरक्षक श्री एण्केण् शुक्ला आला अफसरों की टीम के साथ अवैध कटाई क्षेत्र का मौका मुआयना करने पहुंचे तो जंगलों की बेहताशा अवैध कटाई को देखकर वे स्वयं दंग रह गये। दौरे पर पहुंचे वन प्रशासन के आला अफसरों को मौके पर मौजूद वन सुरक्षा समिति के पदाधिकारियोें और जनर्प्रतिनिधियों ने बताया लगातार वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों की सक्रियता के बावजूद उडीसा प्रांत के लोग अभ्यारण क्षेत्र में कई जगहो पर जंगलों को काटकर खेती के लिये जहां एक ओर जमीने तैयार कर रहे हंै तो वहीं रहने के लिये बड़े पैमाने पर झोपड़ीयां भी तान रहे हैं। उड़ीसा से पहुंचे लकड़ी तस्करों की करतूत के चलते जंगल का परिवेश पूरी तरह प्रभावित है और जंगली जानवर कटते जंगलो के चलते अभ्यारण क्षेत्र के गांवो का रूख कर रहे हैं।

  • अफसरों ने किया पंचनामा

प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री एके शुक्ला व उनके साथ पहुंचे टीम ने अवैध कटाई स्थल का बड़ी बारिकी के साथ कटे वृक्षो का सूक्ष्म मुआयना किया तथा पंचनामें की कायर्वाही को अंजाम दिया।

  • आला अफसरों का रास्ता रोकने मार्ग पर काटे गये थे अनेक वृक्ष

अवैध कटाई के नब्ज टटोेलने पहुंचे वन प्रशासन की उच्च स्तरीय टीम का रास्ता रोकने का प्रयास भी लकड़ी तस्करों द्वारा किया गया अवैध कटाई वाले संवेदनशील क्षेत्र हल्दी कछार के पास वन मार्ग पर जगह जगह पेड़ गिरा दिये गये थे। निश्चित तौर पर यह घटना लकड़ी तस्करो के हौसले कितने बुलंद है। यह दर्शाने के लिये काफी होगा बावजूद  इसके तमाम रूकावटों को लांघकर भारी  बारिश के बीच वन प्रशासन के अफसर बीहड़ जंगलो के भीतर पहुंचकर आवश्यक कायर्वाही को अंजाम दिया ।

  • आज पहुंची वन प्रर्शासन की उच्च स्तरीय टीम में प्रमुख  रूप से शामिल थे

प्रधान वन संरक्षक एके शुक्ला, मुख्य वन संरक्षक एचएल  रात्रे,  उपनिदेशक विष्णुराज नायर, सहायक संचालक एनआर सोरी, एसडीओ पीआर धु्रव, सोमेश जोशी, वन परिक्षेत्र अधिकारी टीआर नरेटी, एनआर गंगबेर, तुलाराम सिन्हा व जनप्रतिनिध शामिल थे।

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