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November 22, 2024

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गरियाबंद जिले के सबसे बड़े व मनमोहक कुलाप जलप्रपात तक पहुंचना है बेहद कठिन 

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • सिकासार जलाशय पर गिरने वाला जलप्रपात कुलाप तक सैलानी पैदल और नाव के जरिये पहुंच रहे 
  • नेशनल हाइवे मैनपुर गरियाबंद मार्ग से दिखाई दे रहा है कुलाप जलप्रपात

गरियाबंद। वैसे तो गरियाबंद ज़िला पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी प्रसिद्ध हैं, यहां प्रकृति ने अपनी खूबसूरत छठा बिखेरा है ,यहां कलकल बहती जलप्रपात बरबस ही पर्यटकों का ध्यान अपनी और खिंचती हैं यही कारण है कि हर वर्ष खासतौर पर वर्षा ऋतु में सैलानी यहां आते हैं और यहां के प्राकृतिक सुंदरता को नजदीक से देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के जंगल मे कई मनोरम पहाड़ी और पहाड़ियों से गिरने वाले पानी की धार झरने को देखने का आनंद पर्यटकों को सिर्फ बारिश के दिनों मे मिलता है लेकिन एक पखवाड़े से क्षेत्र मे हुई झमाझम बारिश और खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण इन दिनों लोगो को पहाड़ों के ऊपर से झरने गिरते मनोरम दृश्य देखने को मिला और यह मनोरम दृश्य नेशनल हाइवे 130 सी धवलपुर गरियाबंद मार्ग से दिखाई दे रहा है जिससे यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहाड़ी क्षेत्रों मे भारी बारिश हुई है‌ तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 30 -35 किलोमीटर दुर बीहड़ जंगल और पहाडी के उपर से गिर रहे कुलाप जलप्रपात जंगलों और पहाड़ों के बीच अदभूत नजारा आज काफी विख्यात है, यहां धवलपुर जरडी टोरीभूई से 15 किलोमीटर दुर लगभग 06 किलोमीटर दुर्गम जंगलो पहाडों को पैदल पार कर यहा पहुचा जाता है। नेशनल हाईवे मार्ग मैनपुर गरियाबंद से दिखाई देने वाला और सिकासार जलाशय के उपर लगभग 350 मीटर की ऊचाई से गिरने वाला यह वॉटरफाल प्रदेश के प्रसिध्द वाटरफालो में जाना जाता है लेकिन यहा तक पहुचना हर किसी के बस की बात नही है, बहुत ही कम लोग यहा तक पहुच पाते है सबसे पहले तो यहा पहुचने के लिए कोई सड़क नही है, घने जंगलो पहाडों को पार करते हुए यहा पहुंचा जाता है और इस बियाबान जंगल में अनेक प्रकार के जंगली जीव जन्तुओं के साथ हाथी प्रभावित क्षेत्र भी है, जिसके कारण इस जलप्रपात में बहुत कम ही लोग पहुंच पाते है खासकर बारिश के दिनो में इस जलप्रपात की सुन्दरता बेहद ही खूबसूरत और रोमांचक भरा है , काफी ऊचाई से कलकल की आवाज करते सिकासार जलाशय के उपर गिर रहे कुलाप जलप्रपात को देखने का एक अलग ही आंनंद है इसे सिकासार जलाशय में पहुचने वाले शैलानी और पर्यटक सिकासार जलाशय से देखते है, काफी मन को सुकुन प्रदान करने वाला यह जलप्रपात को सिकासार जलाशय से घंटो पर्यटक निहारते है।

  • नाव और पैदल कुलाप जलप्रपात तक पहुंचा जा सकता है

कुलाप जलप्रपात सिकासार पहाड़ी के ऊपर हजारो फीट की ऊंचाई से गिरने वाला विशाल झरना है और यहां पहुंचने के लिए सिर्फ दो रास्ते है एक रास्ता सिकासार जलाशय से लकड़ी का नाव लेकर यहां तक पहुंचा जा सकता है लेकिन यह हर किसी के बस की बात नही है क्योकि सिकासार जलाशय में कुछ मछली मारने वाले मछुवारों के पास लकड़ी का नाव है और इसके माध्यम से यहां तक पहुंचते है। दूसरा धवलपुर जरण्डी टोरीभूरी की तरफ पैदल मीलो दूरी तय कर यहां पहुंचा जा सकता है।