कल्याण सिंह जी पिछड़े वर्ग के नेता नहीं बल्कि पिछड़ी जाति के मण्डलविरोधी हिंदूवादी नेता थे
- चंद्रशेखर प्रसाद, लखनऊ
- बीपी मंडल जयंती पर उठी जनगणना वह समानुपातिक आरक्षण की मांग
लखनऊ। सामाजिक चेतना फाउंडेशन के बैनर तले बिठौली कला, चिनहट में एसडीएम इंटर कॉलेज में महादेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता में बीपी मंडल की 103 वीं जयंती का आयोजन किया गया। बीपी मंडल जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वीआईपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि भाजपा व संघ शिकारी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य, केशव प्रसाद मौर्य,गिरीश चंद्र यादव,दारा सिंह चौहान, अनिल राजभर, जयप्रकाश निषाद आदि भाजपा नेता संघ की बंसी/कटिया के चारा हैं।उन्होंने कल्याण सिंह जी को पिछड़े वर्ग का बड़ा नेता प्रचारित कराने के मुद्दे पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जी पिछड़े वर्ग के नेता नहीं बल्कि पिछड़ी जाति के हिंदूवादी व मंडल विरोधी नेता थे। जब वे मुख्यमंत्री थे तब कभी भी अपने को लोधी,निषाद, किसान, बिंद व पिछड़ी जाति का नहीं बताएं। जब भाजपा से निष्कासित कर दिया गए और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाने के बाद उन्होंने कहा कि मैं निषाद राज का वंशज हूं और बिखरे हुए निषाद समुदाय को जोड़ने जगाने चला हूं।
उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए भाजपा पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों, अतिदलितों, सामाजिक समरसता, हिन्दुत्व तथा सबका साथ सबका विकास की बात करती है। परंतु सत्ता में आने के बाद पिछड़ों दलितों के साथ दोयमदर्जे का बर्ताव करती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ दलों के नेताओं द्वारा कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि न देने एवं उनकी अंत्येष्टि संस्कार में न जाने के मुद्दे पर कोई सवर्ण नहीं बल्कि केशव प्रसाद मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तमाम तरह की गलत बयान बाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब नीट में ओबीसी का आरक्षण खत्म हो गया। विश्व विद्यालयों व महाविद्यालयों में लिखित परीक्षा के द्वारा नहीं बल्कि सिर्फ साक्षात्कार के माध्यम से प्रोफेसर बनाने व तमाम तरह से पिछड़ों दलितों की हकमारी करने पर यह नेता चुप्पी साधे रहे। उन्होंने इन्हें पालतू तीतर की संज्ञा देते हुए कहा कि निज स्वार्थ के लिए ये अपने जमीर को बेच दिए हैं। उन्होंने मंडल जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार से सेंसस 2021 में जातिगत आधार पर जनगणना कराने व सभी स्तरों पर पिछड़ी जातियों को एससी, एसटी की तरह कार्यपालिका,विधायिका, न्यायपालिका,निजी क्षेत्रों में समानुपातिक आरक्षण कोटा दिए जाने की मांग की है।
पूर्व न्यायाधीश बीडी नकवी ने कहा कि पिछड़े दलित पसमांदा समाज के लोगों को धार्मिक आधार पर नफरत की भावना से बाहर निकल कर सामाजिक न्याय, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है।
प्रोफ़ेसर राजेंद्र वर्मा ने जाति भावना से ऊपर उठकर वर्गीय संवेदना पैदा करने की अपील की। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी सिंह व महेंद्र सिंह यादव ने कहा कि लेटरल इंट्री के माध्यम से केंद्र सरकार संघ लोक सेवा आयोग के महत्व को खत्म कर रही है। उन्होंने उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों का चयन राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से करने की मांग करते हुए कहा कि कोलेजियम से भाई भतीजावाद, तुच्छ जातिवाद को बढ़ावा मिलता है।उन्होंने विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में प्रोफ़ेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर साक्षात्कार के माध्यम से बनाने की व्यवस्था को पिछड़ा दलित विरोधी बताते हुए कहा कि इससे ओबीसी एससी एसटी व धार्मिक अल्पसंख्यक हकमारी होगी और भाई भतीजावाद को बढ़ावा मिलेगा। बीपी मंडल जयंती समारोह को हर्ष कुमार यादव,अरविंद कुमार यादव, पूर्व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह यादव, प्रोफेसर आर एस यादव,आई पी सिंह एड,आर पी गौतम एड आदि ने भी संबोधित किया। संयोजन एडवोकेट महेंद्र कुमार मंडल व संचालन अरविंद सिंह यादव ने किया।