कमार आदिवासी बालक आश्रम झरियाबाहरा को बच्चोें को कम्प्यूटर शिक्षा दिलाने मिले 25 कम्प्यूटर में से 9 गायब
1 min read- कलेक्टर से लगाई गुहार पर आज तक नहीं हुई कार्रवाई
- बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने जताई नाराजगी
- कम्प्यूटर खरीदी में और कारपेट लगाने के मामले में लाखों का भ्रष्टाचार का मामला पर नहीं हुई जांच
- शेख हसन खान, गरियाबंद
मैनपुर। शासन प्रशासन द्वारा दूरस्थ वनांचल ग्रामीण क्षेत्र के बच्चो के लिए कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लाखो करोड़ों रूपये खर्च किये जाते हैं लेकिन यह सब सिर्फ कम्प्यूटर की खरीदी तक सीमित मात्र रहती है। इसके बाद यह देखने वाला कोई नहीं है कि जिस उद्देश्य के तहत कम्प्यूटर खरीद कर स्कूल, आश्रम, छात्रावासों में दिया गया है। उसका उपयोग हो रहा है या नही और तो और बार -बार इसकी जानकारी संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को देने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं देना समझ से परे हैं। ऐसा ही मामला मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के अधिकांश सरकारी स्कूलो और आश्रम छात्रावासों में देखने को मिल रहा है जहां शासन प्रशासन ने विशेष पिछड़ी कमार जनजाति आदिवासी बच्चो को बेहतर कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने कम्प्यूटर तो खरीद कर दे दिया है लेकिन अधिकांश जगह यह धूल खाते पड़े हुए है और इसका लाभ आदिवासी क्षेत्र के बच्चो को नहीं मिल रहा है। कम्प्यूटर शिक्षा की स्थिति इस तरह बदहाल है कि कही कम्प्यूटर है तो शिक्षक नहीं है और शिक्षक है तो कम्प्यूटर नहीं अधिकांश जगह कम्प्यूटर धुल फांक रहा है।
- 25 कम्प्युटर आदिवासी बालक आश्रम को मिला था 9 कम्प्यूटर दो साल से गायब
मिली जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय मैनपुर से 08 किलोमीटर दुर कमार आदिवासी बालक आश्रम झरियाबाहरा में लगभग 50 से 60 लाख रूपये की लागत से 25 नग कम्प्यूटर खरीदी किया गया है और बकायदा कम्प्यूटर कक्ष में नीचे कालीन भी लगाना था लेकिन घटिया स्तर के कम्प्यूटर की सप्लाई किये जाने की शिकायत के बाद कुछ कम्प्यूटरों को बदला गया। वर्तमान में इस कमार आदिवासी बालक आश्रम में सिर्फ 13 कम्प्यूटर ही उपलब्ध है लेकिन कम्प्यूटर की शिक्षा देने वाले कोई भी शिक्षक नहीं होने के कारण इसका लाभ कमार आदिवासी बच्चों को नहीं मिल रहा है। बच्चे अपने मन से कम्प्यूटर प्रारंभ करते है और बंद कर देते हैं। यहां कम्प्यूटर कक्ष के नीचे लाल कारपेट लगना था लेकिन गायब है।
आश्रम अधीक्षक ने बताया कि 25 कम्प्युटर मिला था लेकिन 9 कम्प्युटर कोरोना काल के समय राजस्व विभाग द्वारा ले जाया गया जो दो वर्षो बाद भी वापस नहीं लौटाया गया है। आज आश्रम का जायजा लिया गया तो यहां सिर्फ 13 कम्प्यूटर ही दिखे। इस संबंध में जानकारी लेने पर बताया गया कि राजस्व विभाग द्वारा यहां के 9 कम्प्यूटर को रिकाॅर्ड मेन्टेन करने के लिए ले जाया गया है लेकिन दो साल बाद भी कम्प्यूटर को वापस नहीं किया गया है और इस ओर संबंधित विभाग के अफसरों द्वारा ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। कई बार कम्प्युटर को वापस करने मांग किया जा चुका है लेकिन इस ओर राजस्व विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- कम्प्यूटर खरीदी में लाखों का भ्रष्टाचार का मामला पर नहीं हुई जांच
मैनपुर तहसील मुख्यालय से महज 8 किमी दूर ग्राम झरियाबाहरा में कमार आदिवासी बच्चो के लिए 100 सीटर बालक आश्रम आलीशान भवन का निर्माण किया गया है और इस भवन में इसी सत्र में आश्रम संचालित किया जा रहा है कोरोना संक्रमणकाल के दौरान इस आश्रम में कम्प्यूटर खरीदी के नाम पर 50 से 60 लाख रूपये खर्च किया गया है यह मामला तब प्रकाश में आया जब इस मामले को जिला पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जिला पंचायत की बैठक में उठाया था तब संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया था और नराज जनप्रतिनिधियों ने कम्प्यूटर खरीदी मामले की जाॅच की मांग उठाई थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई जाॅच नही हो पाया, आश्रम के छात्रों ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर आकाष छिकारा से गुहार लगाई है बच्चो के लिए आश्रम को दिये गये कम्प्युटर को वापस कराया जाए साथ ही कम्प्युटर षिक्षक की भी व्यवस्था किया जाए।
- विधायक पुजारी ने जताई नराजगी
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा विशेष पिछड़ी कमार जनजाति आदिवासी बच्चों के लिए झरियाबाहरा में लाखो रूपये की लागत से कम्प्यूटर सेट उपलब्ध कराया गया है लेकिन शिक्षक नही होने के कारण इसका लाभ नही मिल रहा है मेरे द्वारा कई बार इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को बोला जा चुका है, और कम्प्युटर खरीदी मामले की जांच होना चाहिए साथ ही बच्चो के लिए मिले कम्प्युटर तत्काल उन्हे उपलब्ध कराया जाए।